-केजीएमयू के पैरामेडिकल विज्ञान की पांचवीं वार्षिक स्पोर्ट्स मीट आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किसी भी खेल में जीत या हार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है उसमें हिस्सा लेना, जीत और हार तो बाद में आती है। मुझे यह जानकर इस बात की खुशी हुई है कि पैरामेडिकल विद्यार्थियों ने खेल भावना को महत्व देते हुए हमेशा से इस तरह के आयोजन में भाग लेते रहते हैं।
यह विचार किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति ले.ज.(डॉ) बिपिन पुरी ने आज यहां संस्थान के एसपी ग्राउन्ड में केजीएमयू के पैरामेडिकल विज्ञान की पांचवीं स्पोर्ट्स मीट के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मैं सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित होने से जहां खेल भावना को बढ़ावा मिलता है वहीं शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी यह लाभप्रद है। इससे पूर्व रंगबिरंगे गुब्बारे हवा आसमान में उड़ाकर इसका उद्घाटन कुलपति ने किया।
समारोह के आयोजक व डीन पैरामेडिकल डॉ विनोद जैन ने कहा कि इस तरह के मार्च पास्ट से विद्यार्थियों में अनुशासन की भावना प्रबल होती है। प्रतिस्पर्धा की भावना उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि पैरामेडिकल के कुल विद्यार्थियों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने इस मीट में हिस्सा लिया है। उन्होंने बताया कि कुल 820 विद्यार्थियों में से 437 विद्यार्थियों ने किसी न किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि टीमों के नाम किसी न किसी खिलाड़ी के नाम पर रखने का उद्देश्य खिलाड़ियों के अंदर महान खिलाड़ी बनने, उस महान खिलाड़ी की तरह के खेल खेलने के प्रति उत्साह पैदा करना है। ज्ञात हो टीमों के नाम सचिन तेंदुलकर, प्रकाश पादुकोण, मेजर ध्यान चंद, साइना नेहवाल आदि खिलाडि़यों के नाम पर रखे गये थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मार्च पास्ट से हुई। प्रतियोगिताओं में कैरम, टेबिल टेनिस, लॉन्ग जम्प, शॉट पुट, बैडमिंटन, 100 मीटर की दौड़, 200 मीटर की दौड़, 400 मीटर की दौड़, खो-खो, वॉलीबॉल, टग ऑफ वार व क्रिकेट प्रतियोगिताएं शामिल थीं। कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण कुलपति व पूर्व काउंसलर व लेडी कुलपति अनीता पुरी ने किया। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो विनीत शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एसएन संखवार, प्रो एसके भास्कर, प्रो अनित परिहार, प्रो अतिन सिंघई, डॉ गीतिका नंदा, डॉ मो यूसुफ, करमजीत सहित बड़ी संख्या में अन्य चिकित्सक व विद्यार्थी शामिल रहे।