-पीडियाट्रिक सर्जन प्रो जेडी रावत और उनकी टीम ने की एक और दुर्लभ सफल सर्जरी

सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ जेडी रावत ने एक अत्यंत दुर्लभ सर्जरी करते हुए परजीवी जुड़वां बच्चे को सफलतापूर्वक अलग कर दिया। इस केस में यह परजीवी पीठ पर बिना सिर का ट्विन था।

सर्जरी के बारे में डॉ जेडी रावत ने बताया कि इस तरह का दुर्लभ केस करीब 4 से 5 लाख बच्चों में एक होता है। उन्होंने बताया की सीतापुर जिले के रहने वाले सुशील यादव की पत्नी प्रीति ने 25 अगस्त को पीठ के ऊपर अच्छी तरह से विकसित हाथ, पैर के साथ परजीवी जुड़वां बच्चे को जन्म दिया था, इसे देखकर माता-पिता और परिजन काफी चिंतित और आशंकित थे, उन्होंने बताया कि बच्चे के माता-पिता स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए जहां से मरीज को केजीएमयू रेफर कर दिया गया। डॉ रावत ने बताया कि बच्चे को जब हम लोगों ने देखा तो वह बहुत कमजोर था तो बच्चे के माता-पिता को समझाते हुए कुछ आवश्यक दवाएं देकर दोबारा आने को कहा गया था। डॉ रावत ने बताया कि बच्चे की एमआरआई जांच से पता चला कि एक परजीवी जुड़वां इस बच्चे के पीछे से जुड़ा हुआ था।
इसके बाद बीती 3 नवंबर को इस बच्चे की सर्जरी की गई थी। डॉ जेडी रावत और उनकी टीम द्वारा की गयी यह सर्जरी 2 घंटे तक चली। डॉ रावत ने बताया कि यह पैरासिटिक ट्विन निचली रीढ़ और नसों के साथ जुड़ा हुआ था जो कि सावधानीपूर्वक मरीज के शरीर से अलग किया गया। इस परजीवी जुड़वां के पैर, हाथ और कमर बने थे लेकिन सिर नहीं था। उन्होंने बताया सफल सर्जरी के बाद अब बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पैरासिटिक ट्विन उस जुड़वां की तरह होते हैं जो पूरी तरह से एक दूसरे के शरीर से अलग नहीं होते। जुड़वां बच्चों में से एक मर जाता है, लेकिन उसके शरीर के कुछ हिस्से पैरासाइट या परजीवी की तरह दूसरे जीवित बच्चे के किसी भी अंग के साथ पोषण पाकर बढ़ते रहते हैं। ज्ञात हो प्रो रावत पहले भी बच्चों की कई दुर्लभ सर्जरी कर चुके हैं।
इस दुर्लभ ऑपरेशन करने वाली टीम में प्रो जेडी रावत के साथ एनस्थीसिया के डॉ सतीश कुमार तथा सिस्टर वंदना व सिस्टर अंजू शामिल रहीं।

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