Saturday , November 23 2024

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने 7 सितम्‍बर के धरने को लेकर आयोजित की बैठक

-केजीएमयू, लोहिया संस्‍थान सहित प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित हुईं बैठकें

संयुक्त स्वास्‍थ्‍य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान में बैठक

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। समान कार्य समान वेतन, आउटसोर्सिंग नियमावली, न्यूनतम वेतन रुपए 18000 प्रतिमाह तथा समायोजन की मांग को लेकर आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 7 सितम्‍बर को घोषित धरना-प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर आज शनिवार 17 जुलाई को जनपदों में बैठक हुई।

आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्‍यक्ष सच्चितानंद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त स्वास्‍थ्‍य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के सभी जनपद शाखाओं में आयोजित बैठक को अधिकार दिलाओ बैठक के रूप में जिला अध्यक्षों ने आयोजित किया। इसी क्रम में डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भी बैठकें आयोजित की गई। बैठक में सभी कर्मचारियों ने आक्रोश जताते हुए यह चर्चा की कि आज जेम पोर्टल द्वारा अनुबंध होने के बाद भी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन रु 9057 प्रतिमाह भी नहीं मिल पा रहा है वहीं दूसरी ओर नर्सिंग तथा पैरामेडिकल कर्मचारियों का वेतन भी एन एच एम से काफी कम है। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन पिछले 5 वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुआ।

उन्‍होंने बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में वेतन निर्धारण के लिए शासन ने केजीएमयू प्रशासन को आदेशित किया तो बेहद कम वेतन निर्धारित कर दिया गया, विभिन्न जनपदों में मेडिकल कॉलेज तथा चिकित्सालय में कार्यरत लगभग तीन लाख आउटसोर्सिंग कर्मचारी आज बेहद कम वेतन तथा अस्थायी नौकरी के कारण जीवन यापन में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। वर्तमान कोविड महामारी में इन कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होने के बाद भी सरकार ने युवा अनुभवी तथा आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं को निरंतर नजरअंदाज किया है।

उन्‍होंने कहा कि सभी कर्मचारि‍यों में पूरी तरह से सरकार से नाराजगी व्यक्त की है और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को तैयार हैं। संयुक्त स्वास्‍थ्‍य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने अपील की है कि स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं का जल्द निराकरण करते हुए न्यूनतम वेतन रुपए 18000 प्रतिमाह, समान कार्य समान वेतन तत्काल देते हुए सभी कर्मचारियों के समायोजन की प्रक्रिया जल्द पूरी करें अन्यथा की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रदेश स्तरीय आंदोलन होने पर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होगी जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में यह बैठक रणजीत सिंह यादव, दीपेंद्र यादव, सच्चिता नन्द मिश्रा, विकास तिवारी तथा केजीएमयू में रितेश मल्ल, सतीश चंद चौहान, अमरदीप सिंह आदि लोगों ने बैठक आयोजित किया।

संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के जी एम यू ने भी बैठक की

आपातकालीन सेवा देने वाले कर्मियों को किया जा रहा नजरअंदाज 

इसी क्रम में संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के जी एम यू लखनऊ ने भी आज बैठक कर 7 सितम्‍बर को धरना-प्रदर्शन की तैयारियों की समीक्षा की। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ केजीएमयू इकाई के अध्‍यक्ष रितेश मल्‍ल ने बताया कि वर्तमान कोविड महामारी में इन कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होने के बाद भी सरकार ने युवा अनुभवी तथा आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं को निरंतर नजरअंदाज किया है।

बैठक में अध्यक्ष रितेश मल्ल, महामंत्री सतीश चंद चौहान, मंत्री उदय प्रताप सिंह, मीडिया प्रभारी अमरदीप सिंह पप्पू, अरुण, अनुज, राम चरित, बसंत, प्रेम, अमित, दीपू आदि लोग उपस्थित रहे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.