पुलिस ने दिखायी मानवता, बच्चे को बिकने से रोका, इलाज का खर्च उठाने को भी तैयार
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक दिल दहला देने वाली घटना ने कई तरह के चेहरों को दिखा दिया। इसमें एक चेहरा था मजबूर बाप का, एक चेहरा आमतौर पर बदनाम पुलिस की मानवता का और एक चेहरा मानव होकर मानव को खरीदने वाले का। अब हम आपको घटनाक्रम बताते हैं। यहां एक आदमी ने अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए अपने मासूम बच्चे का सौदा 25,000 रुपये में कर लिया। यह अनहोनी होने से बच गयी और पुलिस को खबर मिलने पर तुरंत ही पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया और उसका इलाज के खर्च की जिम्मेदारी लेते हुए इलाज शुरू कराया. इस तरह पुलिस की सतर्कता से एक मासूम बाजार में बिकने से बच गया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यह घटना बरेठी दारापुर गांव की है. यहां रहने वाले अरविंद की पत्नी सुखदेवी गर्भवती है. अरविंद के पहले से ही 4 साल की बेटी और एक साल का बेटा है। पत्नी की तबीयत खराब होने पर अरविंद उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। डॉक्टरों ने सुखदेवी की जांच करने के बाद बताया कि उसके शरीर में खून की कमी है। अरविंद ने बताया कि डॉक्टरों ने पत्नी के इलाज के लिए 25 हजार रुपये की मांग की. पैसे नहीं होने पर वह पत्नी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा, लेकिन महिला की हालत खराब होने के कारण वहां के डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया. अरविंद ने बताया कि वह डॉक्टरों के सामने रोया-गिड़गिड़ाया, मगर किसी ने उसकी एक न सुनी. अंत में मजबूर होकर पत्नी की जान बचाने के लिए उसने अपने एक साल के बेटे को बेचने का फैसला किया.
बताया जाता है कि अरविंद पत्नी और बच्चों को लेकर मैडिकल कॉलेज के गेट पर आ गया और कुछ लोगों से बच्चे को 30 हजार रुपये में खरीदने की बात कही. एक आदमी 25 हजार रुपये में बच्चे को लेने के लिए तैयार हो गया और वह सौदा पूरा करके पैसे लेने के लिए घर चला गया. इतने में किसी ने पुलिस को सूचित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की सच्चाई जानकर दंग रह गई. अंत में मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी बृजेंद्र कुमार ने महिला के इलाज का सारा खर्च खुद ही उठाने का फैसला किया और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया.
पुलिस की पहल पर महिला का इलाज अस्पताल में चल रहा है और अब वह खतरे से बाहर है. पुलिस के इस कदम की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं. कुछ लोगों ने आगे बढ़कर पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करने की भी बात कही है.