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एक हजार लोगों ने सजीव प्रसारण में सीखा कोविड-19 से बचने और निपटने का मंत्र

-केजीएमयू के पैरामेडिकल इंस्‍टीट्यूट ने दीं कोरोना को लेकर छोटी-बड़ी बातों की जानकारी

-ढाई घंटे चले इस कार्यक्रम का करीब एक हजार लोगों ने सीधा प्रसारण देखा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज ने आज आम जनता को कोरोना से बचने, उससे निपटने के साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को क्‍या और कैसे सावधानियां बरतने के बारे में जानकारी देने के लिए एक लाइव सेशन आयोजित किया। अधिष्ठाता डा0 विनोद जैन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं उसके प्रसार की रोकथाम के लिए यूट्यूब में सजीव प्रसारण के माध्यम से कोविड-19 ट्रेनिंग फॉर जनरल पॉपुलेशन कार्यक्रम का आयोजन कर आमजन को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक किया। दो घण्टे तीस मिनट तक चले इस सजीव प्रसारण को लगभग एक हजार लोगों ने देखा।

इस अवसर पर डॉ विनोद जैन ने बताया कि अमेरिका, फ्रांस, इटली सहित अन्य यूरोपीय देशों के मुकाबले भारत में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 53 प्रतिशत है। इसके साथ ही भारत में मृत्यु दर लगभग 3 प्रतिशत है। इसका मतलब यह है कि भारत के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य देश के लोगों के मुकाबले अधिक है। उन्होंने अनलॉक-1 में लोगों से अधिक सावधानियां बरतने का अनुरोध किया।

डॉ विनोद जैन ने कोरोना संक्रमण फैलने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि खांसने, छींकने से निकलने वाली लार, संक्रमित वस्तुओं अथवा सतहों को छूने आदि से इस कोरोना संक्रमण का प्रसार तेजी से होता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड-19 की इनक्यूबेशन अवधि 2 से 14 दिनों की होती है।

हालांकि कुछ संक्रमित मरीजो में इसके लक्षण की अवधि 28 दिन भी होती है। उन्‍होंने कोरोना वायरस को लेकर फैली भ्रांतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगों को भ्रांति है कि यह संक्रमण ज्यादातर 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में ज्यादा होता है परन्तु ऐसा नहीं है, यह संक्रमण सभी आयु

के व्यक्तियों को समान रूप से संक्रमित कर सकता है लेकिन यह 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों के लिए ज्यादा घातक होता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह संक्रमण किसी धर्म, जाति, आयु या लिंग से नहीं बल्कि असावधानी से किसी भी सामान्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि यह बीमारी डायबिटीज, गुर्दे की क्रोनिक बीमारी, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर, कीमोथेरेपी, कुपोषण, हृदय की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए ज्यादा घातक होती है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता आम लोगों की तुलना में कम होती है। उन्होंने बताया कि इस संक्रमण के लिए वर्तमान समय में कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है। इसके लिए उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, नियमित व्यायाम करें, प्रतिदिन 10 हजार कदम पैदल चलें, डान्‍स करें, पौष्टिक भोजन का सेवन करने की आदत बनाएं, विटामिन सी एवं डी का सेवन प्रचुर मात्रा में करें, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें तथा सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखें।

डॉ विनोद जैन ने आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव देते दिए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिन में तीन से चार बार गुनगुने पानी का सेवन करें, योग, प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास करें, भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन का प्रयोग करें, दिन में दो बार च्यवनप्राश का सेवन करें, तथा हर्बल चाय/काढ़ा का सेवन करें -इसे बनाने में तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और मुनक्का का उपयोग करें, गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें तथा सूखी खांसी में लौंग का सेवन करें।

इस अवसर पर डॉ विनोद जैन ने कोरोना संक्रमण के लक्षण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूखी खांसी, तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी, कंपकपी, दस्त, थकान, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक का बंद होना तथा सूंघने एवं स्वाद लेने की शक्ति में कमी होने पर अपनी कोरोना संक्रमण की जांच करानी चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 वार्ड में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों एवं कोरोना संक्रमण की जांच के लिए प्रयोगशाला में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उक्त कार्यक्रम में डॉ विनोद जैन द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमण की जांच के लिए नमूना लेना एवं उसको सुरक्षित रखने का प्रशिक्षण भी दिया गया।

इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की संकाय सदस्य मंजरी शुक्ला ने हाथों की स्वच्छता एवं उसकी आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की वीनू दुबे ने मास्क के प्रकार, पी0पी0ई0 किट एवं मास्क पहनने एवं उतारने के तरीके तथा प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली आवश्यक सामानों की साफ-सफाई पर विशेष जानकारी दी। इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की कोर्स को-आर्डिनेटर शालिनी गुप्ता ने कोविड-19 रोगी का एम्बुलेंस द्वारा स्थानान्तरण एवं एम्बुलेंस की सफाई तथा कोविड-19 से हुई मृत्‍यु की स्थिति में मृतक शरीर के निस्तारण के बारे में जानकारी दी। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए के0जी0एम0यू0 आई0टी0 सेल के फरहान एव विकास श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।