तीसरी मंजिल से गिरे तीन साल के मासूम की जांघ में घुसी सरिया पेट से होते हुए पीठ से निकली
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे बच्चे की ढाई घंटे चली सर्जरी
लखनऊ। जिस दृश्य को देखकर आम आदमी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और वह देखने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाता है, उस दृश्य को डॉक्टर न सिर्फ देखते हैं बल्कि सावधानी के साथ उपचार भी करते हैं और मरीज को मौत के मुंह से निकालते हैं, शायद इसीलिए इन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। एक बार फिर शरीर में आर-पार घुसी लोहे की सरिया को निकालकर मौत के पंजे से मरीज को बचाया है। खास बात यह है कि इस गंभीर हादसे का शिकार तीन वर्ष का एक मासूम बना, इसलिए सर्जरी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं थी। बच्चा इस समय ठीक है और डॉक्टरों की निगरानी में है। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी दर्जनों बार इस तरह के हादसे के शिकार लोगों को नया जीवन देने का काम यहां के डॉक्टर कर चुके हैं।
इस बच्चे की जान बचाने में डॉ अनीता और डॉ यादवेन्द्र की मुख्य भूमिका रही। अब तक इस तरह की दर्जनों सफल सर्जरी करने वाले डॉ संदीप तिवारी और डॉ समीर मिश्र ने अपनी टीम के इन दोनों डॉक्टरों के इस सफल कार्य की सराहना की है। डॉ समीर ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को सीतापुर निवासी मजदूर अजीम का तीन वर्षीय बेटा नदीम मड़ियांव में एक निर्माणाधीन भवन से गिर गया था जिससे उसकी जांघ से नीचे की तरफ से सरिया घुसकर जांघ की दूसरी तरफ निकलने के बाद पेट में घुसते हुए पीठ से निकल गयी थी।
उन्होंने बताया कि अपरान्ह करीब साढ़े तीन बजे बच्चा निर्माणाधीन भवन की तीसरी मंजिल से गिर गया था जिससे पिलर में निकली हुई सरिया उसकी जांघ में घुसकर पेट के रास्ते से होकर पीठ में निकली थी। इसके बाद पास ही में काम कर रहे बिजली मिस्त्रियों ने जब यह घटना देखी तो उन्होंने तुरंत कटर से सरिया काटकर बच्चे को बाइक पर लेकर लगभग साढ़े पांच बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उस समय वहां मौजूद डॉ अनीता ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को रिवाइव किया और उसे ऑपरेशन करने लायक बनाया। इसके बाद डॉ यादवेन्द्र ने ऑपरेशन शुरू किया। करीब ढाई घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सरिया को निकाल लिया गया।
डॉ समीर ने बताया कि फिलहाल बच्चा अभी पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में है और उसकी हालत ठीक है। बच्चे को 72 घंटे तक गहन निगरानी में रखा जायेगा। आपको बता दें पिछले दिनों भी बाइक से जा रहे युवक का एक्सीडेंट गोमती नगर क्षेत्र में हो गया था जहां बाउंड्री में लगा भाला उसकी छाती से घुसकर पीठ में निकल आया था, उसे भी ट्रॉमा सेंटर में नया जीवन मिला था।