-माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा, अब नहीं चलेगा सिर्फ आश्वासन से काम
लखनऊ। लखनऊ खण्ड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से उ0प्र0मा0 शिक्षक संघ के अधिकृत प्रत्याशी एवं प्रदेशीय मंत्री/प्रवक्ता डॉ महेन्द्र नाथ राय ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि सरकार की वादाखिलाफी से नाराज शिक्षक संगठन के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की श्रृंखला के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी के नेतृत्व में 6 और 7 फरवरी को शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरना देंगे।
डॉ राय ने बताया कि संगठन विगत कई वर्षों से शिक्षक समस्याओं के त्वरित निदान के लिए आंदोलनरत हैं, किन्तु तत्कालीन सरकारों से लेकर वर्तमान सरकार तक मात्र आश्वासन ही दिया जाता रहा है, जिसे अब संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा।
डॉ राय ने बताया कि पिछले वर्ष 9 फरवरी, 2019 को उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा से हुई वार्ता में शिक्षक समस्याओं के 09 बिन्दुओं पर सहमति के बाद भी सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम न उठाने के बाद 29.8.2019 को वार्ता के लिए विघानसभा घेराव किया गया था। फिर भी सत्ताधारियों के कान पर जूँ नहीं रेंगी। जिस कारण विवश होकर संगठन को अपना स्थगित आंदोलन पुनः प्रारम्भ करना पड़ रहा है।
जिलाध्यक्ष लखनऊ विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि मौजूदा सरकार से प्रदेश के शिक्षकों को बहुत उम्मीदें थीं, किन्तु यह भी पिछली सरकारों की तरह ही शिक्षकों को सिर्फ बेवकूफ बनाने और अनेकों प्रकार से शिक्षकों का उत्पीड़न करने का काम रही है, जिसके विरोध में संगठन के बैनर तले प्रदेश के समस्त शिक्षक 6 एवं 7 फरवरी को शिक्षा निदेशक कार्यालय, पार्क रोड, लखनऊ पर धरना देंगे। श्री मिश्रा ने उक्त धरने में जनपद लखनऊ के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने की अपील की।
श्री मिश्रा ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने माह जनवरी 2020 का वेतन अकारण निर्गत नहीं किया है, जिससे पूरे जनपद के शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। धरने के माध्यम से तत्काल वेतन निर्गत की माँग भी की जायेगी।
संगठन की माँगें निम्नवत हैं-
1- वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाते हुए उन्हें कोषागार से सीधे बैंक खाते में सम्मानजनक पाँच अंकों मानदेय दिया जाय।
2- पुरानी पेंशन योजना को बहाल कराना।
3- अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण करना।
4- सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया करना।
5- माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भंग न किया जाय।
6- विषय विशेषज्ञों को सेवा का लाभ देना।
7- व्यवासायिक शिक्षकों एवं कम्प्यूटर अनुदेशकों का शिक्षक पद पर समायोजन करना।
8- माध्यमिक शिक्षा परिषद के मूलयांकन निरीक्षण आदि के पारिश्रमिकों को सीबीएससी के बराबर वृद्धि एवं अवशेषों का भुगतान करना।