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19 फरवरी से होने वाले आंदोलन में नर्सेस संघ भी करेगा भागीदारी

-राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद उत्‍तर प्रदेश ने कर रखी है आंदोलन की घोषणा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के 19 फरवरी से प्रस्तावित आन्दोलन में राजकीय नर्सेस संघ पूर्ण भागीदारी करेगा। प्रस्तावित आन्दोलन के तहत 19 फरवरी से 27 फरवरी 2021 तक काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगी। यह निर्णय रविवार को राजकीय नर्सेस संघ उप्र के कार्यकारिणी पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया है।

बलरामपुर अस्पताल में संपन्न बैठक की जानकारी देते हुए महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि नर्सेस के पद नाम, केंद्र के समान भत्ते, नर्सेस के गृह जनपद में तैनाती, उच्च पदों पर पदोन्नति, अस्पतालों में पालना घर, संविदा नर्सेस को समान वेतन आदि तमाम मांगे हैं, जो सरकार के समक्ष रखी गई हैं। सभी मांगों को लेकर संयुक्त परिषद ने आन्दोलन प्रस्तावित किया है। हम सभी आन्दोलन में शामिल होंगे, अगर मांगें न पूरी हुईं तो 18 मार्च 2021 से जनपदों में उपवास रखकर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा।

कार्यकारिणी की बैठक विज्ञान भवन, बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ में प्रातः 11 बजे से शुरू हुई, जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा, शिक्षा विभाग, उ0प्र0 के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में प्रदेश के जनपद-लखनऊ, झांसी, कानपुर, बरेली, आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, सहारनपुर, पीलीभीत, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, प्रयागराज, बाराबंकी, कौशाम्बी, आदि मण्डलों/जनपदों के अध्यक्ष/मंत्रीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष- जितेन्द्र बहादुर सिंह, ऑडीटर- महेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, तथा प्रदेश के विभिन्न जनपदों से मंजू सिंह, हृदय नारायण राजपूत, बीना त्रिपाठी, मृदुला, माधुरी वर्मा, सत्येन्द्र सिंह, कुसुम, मीना वर्मा, घनश्याम सिंह आदि पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बैठक की अध्यक्षता रानी वर्मा, अध्यक्ष, राजकीय नर्सेज संघ, उ0प्र0 ने की। अध्यक्ष ने सर्वप्रथम सारे नर्सेज को कोरोना महामारी की लड़ाई में मुश्किलों का सामना करते हुए फ्रंट लाइन कोराना योद्धा के रूप अपनी नर्सिंग सेवायें प्रदान करने के लिए बैठक में उपस्थित सभी लोगों आभार व्यक्त किया, उन्‍होंने कहा‍ कि इसी क्रम में कोरोना काल में कोविड-19 के मरीजों की चपेट में आकर संक्रमित होकर, जिनका स्वर्गवास हो गया, उन्हें शहीद नर्सेज के नाम से जाना जाए।

19 फरवरी से होने वाले आंदोलन में नर्सेस संघ भी करेगा भागीदारी