-राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश की याचिका पर उच्च न्यायालय का फैसला
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ द्वारा नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर नर्सिंग संवर्ग से भरे जाने के निर्णय का आदेश निर्गत हुआ है, नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार का पद नर्सिंग कैडर से भरे जाने के लिए राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश एवं महामंत्री अशोक कुमार द्वारा उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में रिट दायर की गयी थी। रिट संख्या 11182/2023 में राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार श्रीवास्तव एवं एडवोकेट अक्षत कुमार ने बहस की प्रतिवादी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य की तरफ से स्टैंडिंग काउंसिल ने पक्ष रखा, दोनों पक्षों के अधिवक्तागणों की बहस सुनने के बाद न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने यह आदेश पारित किया।
आदेश में नर्सिंग एवं मिडवाइफ कौन्सिल उत्तर प्रदेश की धारा 3,4 प्रविधान 1934 के अधिनियम क्रमांक xv, पंजीकरण अधिनियम 1934, निर्वाचन नियम 1934, राज्य अधिनियम 1934 की धारा 34 की उप धारा (2) में निहित प्रविधानों को सुनने के उपरांत आदेश पारित किया गया।
आदेश में प्रतिवादी को आदेश दिया कि 1934 सपठित नियमावली की 1934 उत्तर प्रदेश नर्स मिडवाइफ काउंसिल यूपी के नियमित रजिस्ट्रार की नियुक्ति करेगी। नर्स व राज्य की पिछली मंजूरी के साथ में डिवाइड काउंसिल सरकार की धारा 16 (1) (ए) के प्रावधानों के मध्य नजर अधिनियम 1934 की प्रारंभिक तिथि पर प्रविधानों के मद्देनज़र अधिनियम 1934 की प्रारम्भिक तिथि पर परमादेश की प्रकृति मे आदेश निर्देश जारी करे। याची महामंत्री राजकीय नर्सेज संघ को आदेशित किया गया कि दो सप्ताह के भीतर न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रति अपनी याचनाओं के समस्त अभिलेखों के साथ प्रतिवादी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्तुत करें तथा प्रतिवादी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रत्यावेदन प्राप्ति के 3 महीने के अंदर आदेश प्रमाणित करने का विधि सम्मत निर्णय लें।
महामंत्री, राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश अशोक कुमार ने इस आदेश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस आदेश से नर्सिंग संवर्ग में एक आशा की किरण जागी कि वर्षों से नर्सिंग काउंसिल में गलत तरीके से मेडिकल फैकल्टी का कब्जा था, जो कि जल्द दूर होकर नर्सिंग संवर्ग से नर्स रजिस्ट्रार की नियुक्ति अन्य प्रदेशों की भांति हो जायेगी।
This is good news for nursing peoples 🙂