-टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर प्रो सूर्यकांत ने कहा कि मास्क कोरोना से ही नहीं बचाता बल्कि बचाता है दूसरी कई बीमारियों से
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। मुम्बई में पाये गये कोरोना के नये वैरिएंट XE को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। इसकी वजह देश के ज्यादातर लोगों का हो चुका वैक्सीनेशन है,उन्होंने बताया कि अभी भी जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है उनसे मेरी अपील है कि वे भी वैक्सीनेशन कराकर कोरोना को दूर रखने की इस मुहीम में साथ खड़े हों साथ ही अपने व अपने परिवार के लिए सुरक्षित स्वास्थ्य का वातावरण तैयार करें।
यह बात केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के मुखिया व उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के ब्रांड एम्बेसडर प्रो सूर्यकांत ने सेहत टाइम्स द्वारा नये वैरिएंट XE का भारत में पहला केस मुंबई में मिलने को लेकर पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कही।
ज्ञात हो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में कोरोना के नए वेरिएंट XE का पहला केस मुंबई में मिला है, खबर है कि नया वेरिएंट XE जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान एक 50 वर्षीय महिला के सैम्पल में पाया गया। महिला पूरी तरह से वैक्सीनेटेड है। बताया जा रहा है की महिला 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लौटी थी वह पेशे से कॉस्टयूम डिजाइनर है यह भी पता चला है की भारत में वापसी के दौरान भी उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और महिला में कोरोनावायरस का कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा है।
प्रो सूर्यकांत ने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि अभी कुछ समय तक थोड़े-थोड़े अंतराल में कोरोना के नए नए वेरिएंट आते रह सकते हैं, लेकिन इनके घातक होने की संभावना नहीं है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है हां इतना जरूर है कि हमें कोविड-19 को लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता जरूर है। उन्होंने बताया ऐसा मैं इसलिए भी कहता हूं कि मास्क लगाए रहने से जहां प्रदूषण से बचाव रहता है वही ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) जैसी अन्य बीमारियों से भी बचाव करने में सफलता मिलती है। उन्होंने बताया कि भारत में टीकाकरण की स्थिति अच्छी होने के कारण कोरोना के अब किसी भी वैरिएंट के घातक होने की संभावना नहीं है।