लम्बे समय से लम्बित मांगों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में संविदा एवं ठेके पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्मिकों ने मांग की है कि घोषित नीति और हरियाणा राज्य की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी ग्रेड पे प्रदान करते हुए स्थायी लोकसेवकों की भांति सेवानीति लागू की जाये। कर्मचारियों का कहना है कि यह मसला लम्बे समय से लम्बित है, इसका क्रियान्वयन अगर 15 फरवरी तक नहीं किया गया तो समस्त संविदा कर्मी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के संगठन के संयोजक डॉ पीयूष अवस्थी ने बताया कि कर्मचारियों की इन जायज मांगों को लेकर हम लोगों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि हम लोगों की मांग है कि हमारी इन मांगों को यथाशीघ्र लागू करा जाये।
डॉ अवस्थी ने बताया कि जिस तरह हरियाणा राज्य में हम लोगों के संवर्ग के कर्मचारियों को ग्रेड पे प्रदान करते हुए लोकसेवकों जैसी सेवानीति लागू कर दी गयी है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सहित बाकी राज्यों में भी होनी चाहिये।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में NHM संविदा स्वास्थ्य कार्मिकों को अनुमन्य मानव संसाधन नीति, लोयलिटी बोनस आदि सेवालाभों को लागू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पूर्व में केंद्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी पत्रों का हवाला देते हुए हमारे लिए स्वीकृत लाभों को लागू करने की मांग की है।
डॉ अवस्थी ने बताया कि हमारी मांगें हैं कि NHM स्वास्थ्य योजनओं में संविदा व ठेका प्रथा समाप्त की जाए, NHM के सभी संविदा व ठेका पर कार्यरत कार्मिकों को बिंदु 1 के अनुसार 15 फरवरी 2018 तक स्थायी घोषित किया जाए, समान पद समान वेतन, समान कार्य समान वेतन प्रणाली लागू की जाए जैसा कि उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालयों के द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों को आदेश निर्गत किये गए हैं, तथा इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग की रीढ़, आशा बहुओं को न्यूनतम 10000 मासिक मानदेय प्रदान किया जाए।