Saturday , November 23 2024

अब सरकारी अस्‍पतालों में भी मरीजों को खरीदनी पड़ेंगी दवायें

नये आदेश के अनुसार दवा उपलब्‍ध न होने पर जन औषधि केंद्र से मरीजों को खरीदनी होंगी जेनरिक दवायें

पद्माकर पाण्‍डेय ‘पद्म’

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने एक आदेश किया है जिसके अनुसार जो दवाएं अस्‍पताल में उपलब्‍ध नहीं होंगी उन्‍हें जेनरिक नाम से लिखकर अस्‍पताल में बने जन औषधि केंद्र से मरीज को ही खरीदनी होंगी। यह सही है कि जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवायें बाजार के मुकाबले काफी सस्‍ती हैं लेकिन एक गरीब मरीज के लिए कम पैसे खर्च करना भी मजबूरी हो जायेगा। जिससे उसकी कमर टूटे भले न टेढ़ी तो हो ही जायेगी। यही नहीं सरकार की इस अवधारणा का क्‍या होगा कि मरीजों का इलाज सरकारी अस्‍पताल में मुफ्त होता है। आपको बता दें कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों से दवाएं खरीदवाने का आदेश जारी कर दिया है, इस आदेश में बीपीएल मरीजों को भी नहीं बख्‍शा गया है, अस्पताल प्रशासन व चिकित्सकों को निर्देश हैं कि अगर दवा अस्पताल के स्टोर में उपलब्ध नहीं हैं तो मरीजों को जन औषधि केन्द्र पर दवा खरीदने को भेजा जाये। इस आदेश के बाद सरकारी अस्पताल में मुफ्त में दवा उपलब्ध होने का दावा खत्म हो गया है।

 

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी द्वारा बीते 23 अगस्त को जारी शासनादेश में सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को निर्देश दिये गये हैं कि जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, उन दवाओं को जेनरिक नाम से लिखकर मरीजों को अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र से खरीदने की सलाह दे, ब्रांडेड नाम से लिखकर बाजार से नहीं। यह आदेश राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर चिकित्सालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल और डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के साथ ही सभी जिला अस्पतालों के प्रमुखों को भेजा गया है।

 

अभी तक मौजूदा व्यवस्था

 

प्रदेश में कोई मरीज बिना इलाज के न रहें, उक्त उद्देश्य से अब तक की शासन करने वाली प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज मिले, इसके लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देती रहती थीं। उक्त क्रम में ही निवर्तमान सपा सरकार ने अस्पताल में एक्स-रे और खून की समस्त जांचों को मुफ्त में उपलब्ध कराने की सुविधा कर दी थी। इसके इतर विशेष दवाएं जो अस्पताल में उपलब्ध नहीं होती हैं, जरूरत पडऩे पर अस्पताल प्रशासन लोकल परचेज कर खुद मरीज को उपलब्ध कराता थाए यानि कोई भी चिकित्सक मरीज को बाहर से दवा खरीदने की सलाह नही देता है।

 

बलरामपुर अस्पताल नहीं खरीदवायेगा दवाएं

 

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन आदेश के अनुपालन की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि यह आदेश पूर्व के आदेश को प्रभावित कर रहा है, इसलिए शासन स्तर पर चर्चा की जायेगी। साथ ही उन्होंने सभी चिकित्सकों को जेनरिक दवा लिखने के निर्देश दे दिये गये हैं, अस्पताल में उपलब्ध न होने की दशा में उन दवाओं को अस्पताल प्रशासन खुद, लोकल परचेज बजट द्वारा जन औषधि केन्द्र से दवा खरीद कर मरीज को उपलब्ध करायेगा।

 

 

 

डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में सक्षम मरीज को दवा खरीदने को भेजा जायेगा

 

अस्पताल के निदेशक डॉ.एच एस दानू का कहना है कि आदेश बहुत अच्छा है, हर बीमारी के इलाज की समस्त दवाएं अस्पताल में उपलब्ध होना, मुश्किल है। ऐसे में जनऔषधि केन्द्र मरीजों के इलाज में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि लोकल परचेज की व्यवस्था इंडोर मरीजों के लिए होती है, ओपीडी मरीजों के लिए नहीं। आदेश के अनुपालन में अब आर्थिक रूप से सक्षम मरीजों को जेनरिक दवाएं खरीदने की सलाह दी जायेगी।

क्या है आदेश

 

आपको बता दें कि जारी शासनादेश सं या 647/  पांच-1 -2018 5 (21) / 2017 टीसी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत सभी जिला चिकित्सालयों में जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों पर बहुत कम दामों वाली और गुणवत्तापरक जेनरिक दवायें उपलब्ध हैं, ऐसे में आवश्यकता पडऩे पर डॉक्टर द्वारा मरीजों को जेनरिक दवायें लिखते हुए जन औषधि केंद्रों से खरीदने की सलाह दी जाये। ज्ञात हो उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में क्रियान्वित 100 औषधि केन्द्रों में दवाइयों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए, साथ ही औषधि केन्द्रों में दवाइयों का उचित प्रदर्शन भी होना चाहिए।

 

शासन की निगाह होगी दवा लिखने वाले चिकित्सकों पर

 

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह भी निर्देश दिये हैं कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के माध्यम से संयुक्त निदेशक सभी जनपदों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे। इस औचक निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक देखेंगे कि अस्पताल में डॉक्टर्स मरीजों को दवाइयां कहाँ से लिख रहे हैं। ऐसे में यदि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवाई लिखता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कारवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए डॉक्टर्स के साथ-साथ सम्‍बन्धित मुख्‍य चिकित्सा अधीक्षक भी जिम्‍मेदार होंगे।

 

प्रदेश की चिकित्सीय सेवाएं धवस्त हो रही हैं : राजेन्द्र चौधरी

 

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि सपा सरकार ने सरकारी अस्पतालों में एक रूपये के पर्चे पर गुणवत्तायुक्त चिकित्सकीय व्यवस्था और समस्त दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की थी। वर्तमान प्रदेश सरकार ने बहुत निराश किया है, प्रदेश में चिकित्सकीय सेवाएं चरमरा गईं हैं, अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, मरीजों को दवाएं खरीदनी पड़ रही है। नेता विरोधी दल, बलिया के विधायक राम गोविंद चौधरी का कहना है कि वर्तमान सरकार द्वारा अस्पतालों में दवा बिक्री के लिए जन औषधि केन्द्रों की स्थापना की जा रही है, गरीब मरीजों को दवा खरीदनी पड़ेंगी तो इलाज प्रभावित होगा।

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.