गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या सौंपेंगे संकल्प पत्र
8 अप्रैल को गायत्री परिवार व्यसन मुक्त संकल्प भव्य समारोह का आयोजन कर रहा
लखनऊ. शारीरिक एवं सामाजिक दोष के लिए जिम्मेदार नशे के खिलाफ गायत्री परिवार की मुहिम जारी जारी है। गायत्री परिवार ने एक करोड़ लोगों से नशा छोड़ने का संकल्प पत्र भरवाया है। इस संकल्प पत्र पत्र को राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपने के लिए 8 अप्रैल को गायत्री परिवार ने व्यसन मुक्त संकल्प भव्य समारोह का आयोजन किया है। इस मौके पर गायत्री परिवार के प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या यह हस्ताक्षर युक्त युक्त संकल्प पत्र राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
मीडिया प्रभारी उमानंद शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रमाबाई रैली स्थल पर सायं 6 बजे होने वाले इस समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी सहित कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहेंगे। समारोह में प्रदेश के 75 जिले के गायत्री परिवार के लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं की उपस्थिति होगी। उन्होंने आम जन से भी इस नेक मुहीम में भागीदारी की अपील की है. उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को सुबह रमाबाई रैली स्थल की 8 किलोमीटर की परिधि में एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी, इसमें नशा विरोधी झांकियां भी होंगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को नशामुक्त घोषित करने के लिए सभी की भागीदारी की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के 7 सूत्री कार्यक्रम में व्यसन मुक्ति भी एक बिन्दु है। पिछले डेढ़ वर्षो से व्यसन मुक्त भारत बनाने का अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी पिछले डेढ़ वर्ष से विद्यालयों एवं महाविद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों, डिवाइन वर्काशॉप, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनियों के द्वारा लोगों को जागरूक किया गया है. नशा हमारे समाज की नस-नाड़ियों में जहर बन कर घुसा है जो नागरिक के तन, मन को बरबाद कर रहा है। परिवारों में हिंसा कलह फैलाता है। आज यह नशे का सामान, अपराध, अपहरण, बलात्कार, सड़क दुर्घटना का बड़ा कारण हो गया है। कर डालता है नो जैसी समास्याओं के रहते हम अच्छे दिनों की कल्पना नहीं कर सकते।
उन्होंने सभी से प्रार्थना की है कि इस व्यसन रूपी कोढ़ को उखाड़ फेंकने के लिए कदम आगे बढायें और 8 अप्रैल लखनऊ के रमाबाई रैली मैदान में प्रातःकाल 9 बजे व्यसन मुक्ति जन जागरण यात्रा एवं सांय सत्र में भागीदारी करें, इसको सफल बनाये और आने वाली पीढी को ऐसा राष्ट्र दें, धन के क्षेत्र में सोने की चिड़िया हो और ज्ञान के क्षेत्र में जगतगुरू हो जो हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा था। यही धर्म निभाते हुए हम और आप अभिभावकों को भी अपना धर्म निभाते हुए आने वाली पीढ़ी को ऐसा ही राष्ट्र सौंपना है, यही युग धर्म है।