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थमते दिल को फि‍र से धड़काना सीखा केजीएमयू में नये मेडिकल स्‍टूडेंट्स ने

एमसीआई की गाइडलाइंस के अनुसार दी गयी बेसिक लाइफ सपोर्ट की जानकारी

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तावित एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के लिए फाउंडेेेेनशन कोर्स के अंर्तगत बेसिक लाइफ सपोर्ट के विषय में कार्यशाला के माध्यम से हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया गया। चिकित्सा विश्वविद्यालय में यह इस प्रकार का पहला प्रशिक्षण सत्र था। इस प्रशिक्षण में 33 एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग करके हृदय एवं श्वांस गति रुक जाने पर सीपीआर द्वारा पुनर्जीवन विधि को समझाया गया।

इस अवसर पर स्किल इंस्टीट्यूट के प्रभारी डॉ विनोद जैन ने सीपीआर के महत्व को समझाते हुए बताया कि हृदय गति रुक जाने पर 3 से 5 मिनट के अंदर यदि मस्तिष्क में रक्त नहीं पहुंचता है तो मस्तिष्क मृत हो जाता है और रोगी की भी मृत्यु हो सकती है। अतः यह प्रक्रिया सभी व्यक्तियों को आनी चाहिए जिससे अधिक से अधिक पीड़ित व्यक्तियों की जीवन रक्षा की जा सके। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का कोर्स समस्त नवप्रवेशित मेडिकल विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया जाता रहेगा।

इस कार्यक्रम में बेसिक लाइफ स्पोर्ट के चैयरमैन प्रो जीपी सिंह ने सीपीआर की तकनीक के विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए प्रत्येक विद्यार्थी को प्रेरित किया कि वह अपने आसपास के लोगों को यह विधि सिखाए। कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ शेफाली गौतम एवं डॉ अपर्णा शुक्ला उपस्थित रहीं तथा कार्यक्रम का संयोजन दुर्गा गिरि एवं राघवेंद्र शर्मा ने किया।