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लोहिया हॉस्पिटल के कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सभी एक मंच पर

-शासन को 2013 में पारित प्रस्ताव की दिलाई याद
-संविदा और गैर संविदा दोनों तरह के कर्मचारियों को संस्थान में विलय करने की मांग
-21 से शुरू करेंगे आंदोलन, 2 सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार

लखनऊ। गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के कर्मचारी लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के बैनर तले सभी कर्मचारियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ ने पूर्व में अधिकारियों द्वारा किए गए वादे और अपने दावे को लेकर शासन को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि यदि उनकी बातों का संज्ञान नहीं लिया गया तो आगामी 21 अगस्त से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा, जिसके तहत 2 सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार होगा।

मोर्चा के मंत्री प्रदीप कुमार नायक ने बताया कि इस संबंध में  मोर्चा के पदाधिकारियों की एक बैठक की जानकारी देते हुए कहा गया कि शासन में 2013 में एक प्रस्ताव पास हुआ था जिसमें चिकित्सालय के आर एम एल इंस्टिट्यूट में विलय होने की स्थिति में कर्मचारियों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सेज सभी के लिए संस्थान में जगह बनाने और संस्थान के  नर्सेज पैरामेडिकल स्टाफ कर्मचारियों की तरह  एम्स के बराबर  वेतन देने की बात भी  कही गई थी। यही नहीं इन सभी कर्मचारियों का अलग कैडर लागू करने की बात भी उस प्रस्ताव में पारित की गई थी। उन्होंने बताया की बीती 31 जनवरी 2019 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, प्रमुख सचिव कार्मिक, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, निदेशक लोहिया इंस्टीट्यूट, निदेशक आर एम एल संयुक्त चिकित्सालय के साथ ही कर्मचारी नेताओं के साथ हुई बैठक में मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि विलय की स्थिति में चिकित्सालय के कर्मचारियों को संस्थान में लेना होगा उन्होंने टिप्पणी की थी कि चलता फिरता अस्पताल आप लेंगे तो क्या इसके कर्मचारियों को बंगाल की खाड़ी में भेज देंगे। प्रदीप नायक का कहना है कि हमारी एक ही मुख्य मांग है कि हम सभी चाहे वह अस्पताल के नियमित कर्मचारी हैं, या संविदा पर कार्यरत हैं, सभी का संस्थान में विलय होना चाहिए इस मुद्दे को लेकर संविदा पर कार्यरत और नियमित रूप से कार्यरत दोनों तरह के कर्मचारियों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स एक हैं। प्रदीप नायक ने कहा कि हम लोगों ने 13 अगस्त को इस संबंध में शासन को एक पत्र भेजा था जिसका अभी कोई जवाब नहीं आया है उन्होंने कहा कि यदि शासन से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो हम इसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे।

अपने आंदोलन के बारे में उन्होंने बताया कि 21 अगस्त से 23 अगस्त तक काला फीता बांधेंगे, इसके बाद 24 अगस्त से 27 अगस्त तक रोजाना सुबह 8:30 से 9:00 तक गेट मीटिंग होगी। इसके बाद 28 अगस्त से 31 अगस्त तक 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा, इस कार्य बहिष्कार से आकस्मिक सेवा को अलग रखा गया है। इसके बाद भी यदि सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो 2 सितंबर से हम लोग पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे जिसमें आकस्मिक सेवाओं को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया अगस्त के पत्र में हम अपने इस आंदोलन का जिक्र कर चुके हैं।