Thursday , August 7 2025

लेखपाल की तरह गन्ना पर्यवेक्षकों को भी डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य से मुक्त रखा जाये

-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की मांग

-गन्ना पर्यवेक्षकों ने नयी व्यवस्था के विरोध में अतुल मिश्रा से मिल कर रखी थी अपनी समस्या

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत खरीफ फसल 2025 से डिजिटल क्रॉप सर्वे के कार्य से लेखपाल को संवर्ग को मुक्त करते हुए इस कार्य में गन्ना पर्यवेक्षकों को लगाने की नयी व्यवस्था में संशोधन करते हुए डिजिटल क्रॉप सर्वे के कार्य से लेखपाल की तरह गन्ना पर्यवेक्षकों को भी मुक्त रखा जाये, क्योंकि गन्ना पर्यवेक्षकों के पास पूर्व से ही कई दायित्व हैं। उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि गन्ना किसान हित एवं पर्यवेक्षक की न्यून संख्या के दृष्टिगत इस सम्बन्ध में उचित आवश्यक दिया निर्देश अतिशीघ्र जारी करें, जिससे विभाग व कर्मचारियों के मध्य कोई टकराव की स्थिति न बने।

अतुल मिश्रा ने कहा है कि लागू की गयी नयी व्यवस्था के आलोक में राजस्व विभाग के कार्य से लेखपाल संवर्ग को मुक्त करते हुये प्राइवेट सर्वेयर से कार्य कराने का निर्देश है तो गन्ना पर्यवेक्षक संवर्ग को भी इस कार्य से मुक्त रखा जाय। उन्होंने बताया कि उ०प्र० गन्ना पर्यवेक्षक संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, महामंत्री व वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने भेंट कर उनसे (अतुल मिश्रा) बताया कि है कि एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत खरीफ फसल 2025 से डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य लेखपाल की जगह अब पंचायती राज, ग्राम्य विकास, कृषि एवं गन्ना विभाग के कर्मचारी (पर्यवेक्षक) करेंगे।

उ प्र गन्ना पर्यवेक्षक संघ के महामंत्री अमित सिंह ने अतुल मिश्रा से मिलकर पर्यवेक्षकों की परेशानी से अवगत कराया। पर्यवेक्षक संघ का कहना था कि विभाग में गन्ने की उन्नत आधुनिक खेती के साथ-साथ किसानो की समृद्धि के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्यवन की मुख्य धुरी है। इसका दूसरा सिरा चीनी उद्योग से जुड़ा है, जिसका लोगो के रोजगार के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान है। विभाग में गन्ना उत्पादन से लेकर उसको चीनी मिल पहुँचने तक सारे कार्य समयबद्ध एवं महत्वपूर्ण है। दोनो सिरो को जोड़ने वाली कड़ी गन्ना पर्यवेक्षक ही है।

अमित सिंह का कहना था कि गन्ना पर्यवेक्षकों के पास बहुत से कार्य जैसे-सर्वे, सट्टा प्रर्दशन, नये सदस्य बनाना व सत्यापन, गाटा फीडिंग, अनबाण्डेड़ को बान्डेड करना, कैलेण्डर वितरण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व जिला योजना में कृषको का चयन व डी०बी०टी०, बीज बदलाव, शरद व बसन्त कालीन बुवाई, पौधाशाला अधिष्ठान, बीज वितरण, महिला समूह गठन, गोदामों से कृषकों को नकद या ऋण पर दवा व उर्वरक उपलब्ध कराना, सदस्यता सत्यापन व वारिस सदस्य बनाना आदि। कार्य विभाग कुल पद के सापेक्ष कार्यरत 40 प्रतिशत गन्ना पर्यवेक्षको द्वारा किये जा रहे है। गन्ना पर्यवेक्षको पर पूर्व से ही अत्यधिक कार्यभार का दबाव है।

गन्ना पर्यवेक्षक संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार ने बताया कि फसल की खसरा पड़ताल का कार्य राजस्व विभाग करता रहा है। राजस्व उ०प्र० शासन के पत्रांक 951 दिनांक 30.08.2023 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि यह पूर्ण व्यवस्था का पोर्टल आधारित तकनीकी उन्नयन है जिसे पूर्व की भाँति लेखपाल द्वारा एप के माध्यम से किया जायेगा।

अतुल मिश्रा को पदाधिकारियों ने बताया कि अद्यतन मुख्य सचिव उ०प्र० शासन ने 30.07.2025 के आदेश द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य लेखपाल के स्थान पर प्राइवेट सर्वेयर द्वारा कराये जाने का निर्देश जारी किये गये। इसके लिए पंचायत विभाग के पंचायत सहायक, ग्राम्य विकास के रोजगार सेवक, कृषि विभाग के संविदा कर्मी के साथ ही गन्ना विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक को भी सर्वेयर बनाने पर सहमति प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि आयोग से चयनित उच्च शिक्षित तकनीकी योग्यता रखने वाले गन्ना पर्यवेक्षकों से यह कार्य लिया जाना किसी भी दृष्टि से तर्कसंगत व न्याय संगत नही है।

अतुल मिश्रा द्वारा पदाधिकारियों को आश्वस्त करते हुए मुख्य सचिव से उन्होंने मुख्य सचिव से यह भी मांग की कि आपके आदेश के बावजूद शासन या प्रशासन का कोई भी अधिकारी किसी भी संगठन के पदाधिकारियों से भेंट/वार्ता नहीं कर रहा हैं, यही वजह है कि सारी समस्याएं आप तक पहुँच रही हैं, अत: अनुरोध है कि इस विषय पर भी ध्यान देने का कष्ट करें।

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