Thursday , November 21 2024

चिकित्‍सकों की सुरक्षा व उनके अधिकारों पर दी कानूनी राय

-लोहिया संस्‍थान में आयोजित सीएमई में दी गयीं महत्‍वपूर्ण जानकारियां

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया संस्‍थान में डॉक्टरों के लिए अधिकारों और सुरक्षा पर कानूनी राय (Legal Opinion on Rights & Defenses For Doctors) [LORDD 1.0]  विषय पर कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (CME) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका आयोजन संस्‍थान के फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग, अस्पताल प्रशासन अकादमी (AHA) विभाग, यूपी एवं ए.आर.ए. एसोसिएट्स, लखनऊ, के सहयोग से आयोजित किया गया।  

यह सीएमई कार्यक्रम रणनीतिक रूप से उन विषयों को शामिल करते हुए बुना गया था जिनमें इन कानूनों के व्यावहारिक अनुप्रयोग से जुड़े स्वास्थ्य देखभाल, विधायिका में सुधार, प्रवर्तन, निर्णय और सुधार में लागू कानूनों को प्रकाश में लाने का प्रयास किया और लोगों को कानूनी रूप से मजबूत चिकित्सा पद्धतियों के विषय में ज्ञान को संपादित करने का भी प्रयास किया गया। 

आपको बता दें कि नियमों, विनियमों, कानूनों और नैतिक मानकों द्वारा शासित होने के बावजूद भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में लगभग 52 लाख चिकित्सा त्रुटियां हर साल होती हैं। ऐसी स्थिति में समय के साथ रिपोर्ट किए जा रहे मेडिकोलेगल मामलों की बढ़ती संख्या ने अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अपने काम के औषधीय पहलुओं के बारे में जागरूक होना अनिवार्य बना दिया है ताकि दीवानी और आपराधिक मुकदमों को कम किया जा सके और चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

ज्ञात हो व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल के बारे में निर्णय लेते समय उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कानून बनाए गए हैं और स्वास्थ्य पेशेवरों की जिम्मेदारियों को निर्धारित करने के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं।

कार्यक्रम एक उद्घाटन सत्र के साथ शुरू हुआ जिसमें उद्घाटन टिप्पणी और स्वागत नोट डॉ. ऋचा चौधरी, प्रोफेसर और प्रमुख, फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग द्वारा दिया गया। छात्रों द्वारा नाटक का अभिनय किया गया, जिससे कार्यक्रम की पृष्ठभूमि तैयार हुई। नाटक के बाद उद्घाटन सत्र की अतिथि संस्‍थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद, डीन प्रो. नुज़हत हुसैन, और सीएमएस प्रो. राजन भटनागर का संबोधन  हुआ। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, डी.के. ठाकुर, कमिश्नरेट, लखनऊ के पुलिस आयुक्त, एमएलसी- डॉक्टरों के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर स्पष्ट रूप से विचार-विमर्श हुआ, जिसके बाद दिन का मुख्य भाषण विनोद शाही, अतिरिक्त महाधिवक्ता: द्वारा कानूनी प्राथमिक चिकित्सा पर दिया गया। उन्‍होंने कहा कि जैसे-जैसे चिकित्सा पेशे का विस्तार होता गया, चिकित्सक की देनदारियों को भी चित्रित किया गया।

इसके बाद चिकित्सा पद्धति से जुड़े कानूनों की जानकारी देने के लिए वैज्ञानिक सत्र शुरू हुआ जिसमें  एडवोकेट रत्नेश अवस्थी ने स्वास्थ्य देखभाल में लागू कानूनों से संबंधित भारत के कानूनी ढांचे के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने चिकित्सा पद्धति में उनके नैदानिक प्रभाव को जोड़ने का प्रयास किया। डॉ. आर. हर्षवर्धन ने चिकित्सा पद्धति के कानूनी पहलू पर जोर देते हुए बताया कि कैसे चिकित्सा पेशेवरों के लिए निदान, और रोगी का उपचार करते समय अधिक से अधिक सावधानी बरतना अनिवार्य हो गया है।

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव के बारे में जानकारी दी गयी। केएस लॉ चैंबर की काव्या सिंह ने कार्यस्थल के यौन उत्पीड़न से संरक्षण (पीओएसएच) के बारे में दर्शकों को जागरूक किया ताकि क़ानून से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता प्रदान की जा सके, जिसमें यौन उत्पीड़न, नियोक्ता के दायित्व, पीड़ित के लिए उपलब्ध उपचार/सुरक्षा उपाय, जांच की प्रक्रिया शामिल है। 

मेडिकोलीगल मामलों में भ्रांतियों को कैसे रोका जाए, इसकी समझ के बिना मेडिकोलीगल अभ्यास की विभिन्न बारीकियों का ज्ञान अधूरा है। इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए, डॉ नीलेश, मेट्रोपोलिस डायग्नोस्टिक्स और डॉ पूजा त्रेहन, कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट, मेट्रोपोलिस डायग्नोस्टिक्स ने बताया।

डॉ ऋचा चौधरी ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में हालिया विकास, इसके संशोधन और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO) के साथ इसके संघर्ष पर विचार-विमर्श किया।  सीएमई कार्यक्रम में कानून और चिकित्सा के क्षेत्र से प्रतिनिधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की गई। इनके अतिरिक्‍त अस्पताल प्रशासक, चिकित्सक, नर्स, कानून निर्माता और इनके तहत अध्ययन करने वाले छात्र इस ओडिसी में प्रमुख भागीदार होंगे थे । सीएमई कार्यक्रम में वैज्ञानिक सत्र के साथ एक पोस्टर प्रस्तुति भी हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.