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और बढ़ा आरटीपीसीआर जांचों में अग्रणी केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग का दमखम

-प्रमुख सचिव ने किया अपग्रेटेड कोविड-19 हाई थ्रूपुट टेस्टिंग लैब का लोकार्पण

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोरोना काल में कोविड जांच में अग्रणी रहने वाले केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अब एक दिन में और ज्‍यादा आरटीपीसीआर जांच हो सकेंगी, अब प्रतिदिन 15,000 जांचें करना संभव हो सकेगा, क्‍योंकि आरटीपीसीआर मशीनों की संख्‍या यहां अब चार से बढ़ाकर 7 कर दी गयी है। इसके अतिरिक्‍त RNA extraction मशीन की संख्‍या भी अब एक से बढ़कर चार हो गयी है।

बुधवार को केजीएमयू में यहां के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अंतर्गत अपग्रेटेड कोविड-19 हाई थ्रूपुट टेस्टिंग लैब का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव, मेडिकल एजुकेशन, आलोक कुमार द्वारा माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रिबन काटकर प्रयोगशाला का लोकार्पण किया गया। कुलपति ले ज डॉ बिपिन पुरी, प्रति कुलपति प्रो विनीत शर्मा, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड प्रो0 अमिता जैन सहित चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष की उपस्थिति में उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रयासों को देखा और उनके कार्यों की भरपूर सराहना की। उन्होंने केजीएमयू द्वारा उठाए गए इस कदम का स्वागत किया। तत्पश्चात आगे का कार्यक्रम केजीएमयू के प्रशासनिक भवन स्थित ब्राउन हाल में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में कुलपति ने पूरे यूपी राज्य के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा किए गए परामर्श कार्य की सराहना की एवं प्रयोगशाला के लिए बधाई दी। कुलपति ने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, प्रमुख सचिव आलोक कुमार की दूरदर्शिता, कुशल मार्गदर्शन एवम अभूतपूर्व सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड प्रो0 अमिता जैन ने राज्य भर में कोविड परीक्षण के दौरान आयीं चुनौतियों के बारे में बताया। उन्‍होंने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग, केजीएमयू देश में अधिकतम COVID-19 परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं में से एक है और हाल ही में 22 लाख कोविड आरटीपीसीआर परीक्षण कर एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्‍होंने कहा कि पूरी टीम समाज के लाभ के लिए निरंतर समर्पण और सहयोग के साथ काम कर रही है।

उन्‍होंने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग सलाह और प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों में लगातार लगा हुआ है, और COVID-19 नमूनों की पूलिंग पर ICMR के साथ एक सलाह जारी की है जो RTPCR परीक्षण के टर्नअराउंड समय, अभिकर्मक और जनशक्ति को कम करती है। ICMR द्वारा जारी की गई सलाह को राष्ट्रीय स्तर पर भी RTPCR प्रयोगशालाओं द्वारा अच्छी तरह से पालन किया गया है। उन्‍होंने कहा कि केजीएमयू का माइक्रोबायोलॉजी विभाग पहले लो पुट प्लेटफॉर्म के माध्यम से समय-समय पर विभिन्न जीवों के लिए जीन अनुक्रमण करता रहा है। यह बहुत सम्मान और गर्व का दिन है क्योंकि माइक्रोबायोलॉजी विभाग अपने क्षितिज का विस्तार कर रहा है और राज्य के लिए एक उच्च थ्रूपुट जीनोम अनुक्रमण सेवाओं को ला रहा है।

समारोह का समापन डॉ. विमला वेंकटेश के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ समारोह में केजीएमयू के सभी संकायों के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने भाग लिया।

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