Sunday , November 24 2024

लोहिया संस्थान से रेफर क्रिटिकल केस को केजीएमयू ने संभाला

एक फेफड़े वाली महिला को दी नई जिंदगी

लखनऊ। 20 साल पहले टीबी होने के कारण उस महिला का एक फेफड़ा निकाल दिया गया था, साथ ही उसकी किडनी सही से काम नहीं कर रही थी, ऐसी महिला को केजीएमयू के डॉक्टरों ने नई जिंदगी दी है।

रेस्पिरटरी आईसीयू में भर्ती इस महिला का इलाज डॉ वेद प्रकाश और उनकी टीम ने किया।

आरआईसीयू के डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि महिला को जब आरआईसीयू में भर्ती किया गया था तो उसकी किडनी सही से काम नहीं कर रही थी। साथ ही महिला का एक फेफड़ा भी सही से काम नहीं कर रहा था। उन्हें 20 साल पहले टीबी हुआ था जिसमें एक फेफड़ा निकाल दिया गया था।

डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि हरदोई की रहने वाली कुमकुम (65) को बुखार आ रहा था। इसके साथ ही उसे सांस लेने में भी काफी तकलीफ थी। इसके बाद उसे परिवारीजनों ने 24 जनवरी को हरदोई के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती किया था जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। हालत गंभीर होने पर उसे लोहिया अस्पताल रेफर किया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे तीन दिन भर्ती रखने के बाद ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।

डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि 30 जनवरी को मरीज को जब आरआईसीयू में भर्ती किया गया तो उसे क्रॉनिक आब्ट्रेक्टिव डीजीज (सीओपीडी) के लक्षण थे। उन्होंने बताया कि एक फेफड़े के साथ सीओपीडी के मरीज को बचा पाना काफी मुश्किल होता है। उनकी टीम ने इस मरीज को वेंटिलेटर पर रखा। मरीज को पहले से ही वेंटीलेटर की वजह से काफी इन्फेक्शन और निमोनिया भी था। मगर अब मरीज की हालत में काफी सुधार है और उसे वेंटिलेटर से हटा भी दिया गया है। मरीज को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है।

डॉ वेद प्रकाश के साथ उनकी टीम के डॉ अजय वर्मा, डॉ अभिजीत ने इलाज में अहम भूमिका निभाई। इनके अलावा रेजिडेंट डॉक्टरों में डॉ अंकित, डॉ अमृतेश, डॉ जयेन्द्र, डॉ नील, डॉ रोहित और डॉ अनिल ने भी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.