Wednesday , October 9 2024

खोखले हो गये दांतों में बस एक बार सोने की फि‍लिंग, और जीवन भर के लिए फुर्सत

-केजीएमयू के कंजर्वेटिव डेंटिस्‍ट्री एंड एंडोडोन्टिक्‍स विभाग में व्‍याख्‍यान और प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

-देश भर से आये डेंटल विद्यार्थियों को दी गयी विस्‍तार से जानकारी  

-राष्ट्रीय छात्र विनिमय कार्यक्रम में देश भर 10 कॉलेज ले रहे हिस्‍सा  

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। 24 कैरेट वाले सोने से की जाने वाली गोल्‍ड फि‍लिंग का लाभ यह है कि यह आजीवन चलती है। जीवन पर्यन्‍त चलने वाली यह गोल्‍ड फि‍लिंग उन नौजवानों के लिए बहुत लाभप्रद है, जिन्‍हे कम उम्र में ही दांत में कीड़ा लगने के कारण फि‍लिंग करानी पड़ती है, एक बार इसकी फि‍लिंग कराने से उन्‍हें जीवन भर उस दांत की फि‍लिंग कराने की आवश्‍यकता नहीं होगी। जहां तक इस पर आने वाले खर्च की बात है तो सोने की होने के बावजूद यह सिर्फ तीन से साढ़े तीन हजार रुपये में हो जाती है।

यह जानकारी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डीन फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज एवं कंजर्वेटिव डेंटिस्‍ट्री एंड एंडोडोन्टिक्‍स के विभागाध्‍यक्ष प्रो एपी टिक्‍कू  ने विभाग द्वारा आयोजित सप्ताह भर के राष्ट्रीय छात्र विनिमय कार्यक्रम के दूसरे दिन आज देश भर के डेंटल कॉलेजों से केजीएमयू में जुटे डेंटल विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान दी। 27 मार्च से शुरू हुए सप्‍ताह भर के इस कार्यक्रम में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी देश में 24 कैरेट  सोने  की फिलिंग करने का एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र है।

विनिमय कार्यक्रम के दूसरे आज 28 मार्च को दिन की शुरुआत प्रोफेसर एपी टिक्कू द्वारा डायरेक्ट फिलिंग गोल्ड (सोने की फिलिंग) पर एक व्याख्यान साथ हुई।  प्रो टिक्‍कू ने बताया यह फि‍लिंग पीछे के दांतों (चबाने वाले दांतों) में होती है, इसलिए यह सामने से नजर भी नहीं आती है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसके बाद प्रोफेसर प्रोमिला वर्मा द्वारा एक मरीज पर सोने  की फिलिंग का लाइव क्लिनिकल प्रदर्शन  कर  भारत के विभिन्न डेंटल कॉलेज  के आये  हुए  छात्रों  को विस्‍तार से समझाया  गया।

दिन के दूसरे भाग में डॉ रिदम और डॉ प्रज्ञा पाण्डेय द्वारा अनुसंधान पद्धति पर व्याख्यान और डॉ अंजनी पाठक द्वारा एंडो-पेरियो घावों पर एक अंतःविषय व्याख्यान शामिल था। इस एक्सचेंज प्रोग्राम में पूरे भारत से 10 डेंटल कॉलेजों के 26 छात्र भाग ले रहे हैं।  कार्यक्रम 1 अप्रैल को एक राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के साथ समाप्त होगा।

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