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पुरुषों की तोंद 102 और महिलाओं की 88 सेंटीमीटर से ज्यादा होना ठीक नहीं

-इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चार दिवसीय सीएसआईकॉन 2024 के प्रथम दिन हृदय रोग विशेषज्ञों ने दिये अनेक सुझाव

सेहत टाइम्स

लखनऊ। हेल्दी हार्ट चाहिये तो यह आपके हाथ में है, पुरुषों की तोंद 102 सेंटीमीटर तथा महिलाओं की तोंद 88 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिये। अगर यह इससे ज्यादा है तो यह संकेत है कि आपके फैट जमा है, और आप मोटापे की ओर बढ़ रहे हैं। आपका दिल स्वस्थ रहे इसके लिए आपको इसके लिए जीवन शैली को बदलना होगा, संयम रखना होगा।

यह सलाह यहां राजधानी लखनऊ में कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे चार दिवसीय (5 से 8 दिसम्बर तक) 76वें वार्षिक सम्मेलन सीएसआईकॉन 2024 CSICON2024 के पहले दिन नयी दिल्ली से आये डॉ एचके चोपड़ा ने दी। उन्होंने बताया कि बढ़ती चर्बी मोटापे की ओर ले जाती है, इसलिए नाभि के स्थान से पेट के चारों ओर की नाप पुरुषों और महिलाओं में क्रमश: 102 और 88 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिये। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को हार्ट डिजीज से बचने के लिए 20 साल की आयु के बाद से सभी लोगों को अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिये। लोग ब्लड प्रेशर चेक नहीं करते हैं, रोज सुबह 20 मिनट व्यायाम करना चाहिये, लोग नहीं करते हैं, सम्पूर्ण योग करना चाहिये, आहार पर कंट्रोल करना चाहिये। उन्होंने बताया कि आज लोगों में मानसिक बैलेंस संतुलन नहीं है, लोग तनाव में हैं, स्लीप पैटर्न यानी सोने का नियम ठीक नहीं है, लोग चार-पांच बजे तक जगते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति को ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर की शिकायत है तो और यदि ब्लड प्रेशर-ब्लड शुगर की परिवार में टेंडेंसी है तो यह ध्यान देते रहना है कि ये नियंत्रित है या नहीं।

साइलेंट किलर है हाई ब्लड प्रेशर

सम्मेलन में आज देश-विदेश से आए कई वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा हृदय की बीमारियों पर चर्चा की गयी व व्याख्यान दिये गए। सुबह सबसे पहले हाई ब्लड प्रेशर और उसके उपचार पर चर्चा की गयी। डा० मुरुगानाथन द्वारा बताया गया कि हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर की तरह कार्य करता है, इसलिए समय रहते इसकी पहचान अत्यन्त आवश्यक है। डॉ एमएस रवि ने हाइपरटेंशन के उपचार की नई गाइडलाइन्स पर चर्चा की। अमेरिका से आए डा० क्रिस्टोफर और डा० नवीन सी० नंदा ने हृदय रोगों की पहचान और उपचार में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इको आदि विभिन्न जांचों में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से बीमारी की समय रहते सटीक पहचान की जा सकती है।

आठ देशों के प्रतिनिधियों ने किया 2030 तक हृदय रोगों के प्रसार को रोकने पर विचार

प्रेसिडेंशियल कॉनक्लेव में अमेरिका, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, केन्या, नेपाल व भारत की कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी के प्रेसिडेंट्स ने इस बात पर चर्चा की कि किस तरह वर्ष 2030 तक हृदय रोगों के प्रसार को कम किया जा सकता है। सभी इस बात पर सहमत थे कि जन-जागरूकता व जानकारी ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

सीमित मात्रा में करना चाहिये सेचुरेटेड फैट का इस्तेमाल

हार्ट फेलियर की गाइडलाइन्स पर कोलकाता से आए प्रोफेसर डा० एम० के० दास द्वारा व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि उपचार की विकसित तकनीकों के कारण अब व्यक्ति की उम्र तो बढ़ गई है पर हार्ट फेलियर की समस्या में भी इजाफा हुआ है। उचित इलाज व नई तकनीकों जैसे कि सी०आर०टी० के द्वारा हार्ट फेलियर के लक्षणों को ठीक किया जा सकता है। ब्रिटेन से आए डा० रॉक्सी सीनियर द्वारा एनजाइना की यूरोपियन गाइडलाइन पर चर्चा की गई। अमेरिका के डा० जगत नरूला ने कोलेस्ट्रोल के हार्ट पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में बताया और कहा कि सैचुरेटेड फैट्स का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करना चाहिये।

इटली के डा० फिलिपो ने हृदय रोगों के उपचार में भविष्य में होने वाले शोधों व उपचार में उनके असर पर चर्चा की। डा० शिब्बा वी, डा० प्रीती ने प्रेगनेंसी के समय हृदय पर पड़ने वाले असर पर व्याख्यान दिया। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हाइपरटेंशन पर भी चर्चा हुई। डा० तरुण वी, डा० काजल गांगुली द्वारा हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज की वजह से होने वाले एनजाइना दर्द पर चर्चा की गई, इसकी पहचान व समय रहते उपचार पर व्याख्यान दिया गया।

पहले दिन 4000 प्रतिनिधियों ने लिया सम्मेलन में हिस्सा

आज लगभग 4000 प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया और लाभान्वित हुए। फार्मा इंडस्ट्री ने अपने स्टॉल्स पर हृदय रोगों की नई दवाओं व तकनीकों को सम्मेलन में आए चिकित्सकों को बताया। विभिन्न चिकित्सीय संस्थानों के छात्रों ने सम्मेलन में अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किये। मुख्य आयोजनकर्ता डा० सत्येन्द्र तिवारी ने बताया कि आज का दिन बहुत सारी चिकित्सीय चर्चाओं का दिन रहा। सम्मेलन का उद्घाटन वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष अमेरिकी चिकित्सक व प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० जगत नरूला ने किया। यू०पी० चैप्टर के सदस्यों डा० एस० के० द्विवेदी, डा० आदित्य कपूर, डा० नवीन गर्ग, डा० ऋषि सेठी, डा० शरद चंद्रा, डा० रूपाली खन्ना, डा० भुवन तिवारी, डा० अवधेश शर्मा व डा० अंकित साहू ने सम्मेलन में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।

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