-99 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, शोक संवेदनाओं का तांता, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

सेहत टाइम्स
लखनऊ। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान सीडीआरआई के संस्थापक निदेशक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सा वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो नित्यानंद का आज 27 जनवरी 2024 को प्रातः काल 8 बजे निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे। देश-विदेश से शोक संवेदनाओं के बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उनके निवास पर पहुंचकर प्रो नित्यानंद की पुत्री डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक व किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद से मुलाकात कर शोक जताते हुए पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रो नित्यानंद का जन्म 1 जनवरी, 1925 को हुआ था। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के सेवानिवृत निदेशक डॉक्टर नित्यानंद ने संस्थान को विश्व स्तर का केंद्र बनाने में अपना नेतृत्व प्रदान किया था, साथ की आम आदमी को कम मूल्य पर औषधियां उपलब्ध कराने में समर्थ होने के लिए भारतीय औषधि उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी व्यापक स्तर प्रयास किया। उन्हें वर्ष 2012 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। प्रोफेसर नित्यानंद ने 1943 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से बीएससी, 1945 में सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से रसायन शास्त्र में एमएससी किया, उसके बाद 1948 में आईसीटी मुंबई से रसायन शास्त्र में पीएचडी पूर्ण की, इसके पश्चात 1950 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी यूके से न्यू क्लिक एसिड के क्षेत्र में दूसरी पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 1951 में केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के उद्घाटन के तुरंत बाद इसमें कार्यभार ग्रहण कर लिया और यही से 1984 में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए। इस बीच 1958 से 1959 तक बोस्टन में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रॉकफैलर फाउंडेशन फैलोशिप पर संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे।

वैज्ञानिक समुदाय में अब तक की ईजा़द इकलौती नॉन हार्मोनल, नॉन स्टेरॉयडल कांट्रेसेप्टिव पिल (गैर हार्मोनल, गैर स्टेरॉयडल गर्भनिरोधक गोली), ‘सहेली’, जिसे एक समय में नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत करने तक के लिए विचार किया जा रहा था, के जनक भी प्रोफेसर नित्यानंद ही थे। वर्तमान में यह औषधि ‘छाया’ के नाम से राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम (National family planning program) में भी अंगीकृत है।
डॉ० नित्यानंद की जीवनी एक जीवंत प्रेरणास्रोत तो है ही, साथ ही आगामी पीढ़ियों को हमेशा ऊर्जास्रोत, पथप्रदर्शन एवं मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सा वैज्ञानिक प्रोफेसर नित्यानंद भारतीय फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के भीष्म पितामह के रूप में प्रख्यात रहे हैं, वे सदैव अपने बहुमूल्य व अतुलनीय योगदान के लिए देश को स्मरण रहेंगे।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times