-इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर में लगी टनेल पर ‘सेहत टाइम्स’ की रिपोर्ट
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को मिटाने के लिए सिर्फ हाथ ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर को सेनिटाइजर से विसंक्रमित करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर में सेनिटाइजिंग टनेल बनायी गयी है। इसका उद्देश्य संस्थान में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रवेश से पहले उसके पूरे शरीर व वस्तुओं को फॉगिंग के जरिये वायरस से विसंक्रमित करना है। इसके लिए उस व्यक्ति को टनेल के अंदर से होकर गुजरना पड़ता है।
इस सम्बन्ध में ‘सेहत टाइम्स’ ने किडनी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ विनीत मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके इंस्टीट्यूट में आने वाले हर व्यक्ति को हम लोग चेम्बरनुमा सेनिटाइजिंग टनेल से गुजारते हैं, ऐसा करने से उस व्यक्ति के कपड़ों, सामान आदि पर संक्रमण होने की संभावना बहुत कम रह जाती है क्योंकि जिस सेनिटाइजर से हम लोग हाथों को सेनिटाइज करते हैं, उसी तरह के सेनिटाइजर को इसमें फॉगिंग के जरिये व्यक्ति के पूरे शरीर पर डालने की व्यवस्था बनायी गयी है।
इस विषय में सेहत टाइम्स ने यह टनेल बनाने वाली कम्पनी सृष्टि मशीनरीज प्राइवेट लिमिटेड से सम्पर्क किया। कम्पनी के डायरेक्टर विनोद पाण्डेय ने बताया कि इस चैम्बर में ऊपर तरफ एक फव्वारा जैसा लगा हुआ है जिसमें से 75 प्रतिशत अल्कोहलयुक्त सेनिटाइजर फॉगिंग करता है। उन्होंने बताया कि यह चैम्बर एक सुरंग की तरह है जिसमें घुसने से पहले हाथों को सेनिटाइज करने के लिए सेनिटाइजर की बोतल फिट है, जहां पहले व्यक्ति अपने हाथों को सेनिटाइज कर लेता है। इस चैम्बर में सेंसर लगा हुआ है इसलिए फुहारे का ऑन-ऑफ होना स्वचालित है, जैसे ही उस फुहारे के नीचे व्यक्ति आता है सेनिटाइजर फॉग अपने आप चालू हो जाता है, व्यक्ति को 30 सेकंड तक इसके नीचे खड़ा होना है, और फिर इसके बाद जब वह वहां से हट कर आगे बढ़ेगा तो यह फव्वारा अपने आप बंद हो जाता है।
उन्होंने बताया कि 30 सेकंड तक खड़े होने से व्यक्ति के हाथ के सामान के साथ ही पूरा शरीर कपड़ों सहित सेनिटाइज हो जाता है। उन्होंने बताया कि एक बार में दो, चार, छह और 20 लोगों के निकलने की क्षमता वाले चैम्बर उपलब्ध हैं। इसमें आने वाले लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया है। ये चैम्बर पूरी तरह से फोल्डेबुल हैं, इन्हें नट-बोल्ट से दो घंटे में फिट कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यह टनेल भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे कि अस्पताल, मॉल, स्टेशन आदि जगहों पर उपयोगी है। इसकी कीमत ढाई लाख से लेकर चार लाख रुपये तक है।
इस तरह काम करती है सेनिटाइजिंग टनेल देेेेेेखें वीडियो