-अब तक 87 प्रतिशत कोविड मरीज अस्पताल से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई के लिए संजय गांधी पीजीआई ने अपने एपेक्स ट्रॉमा सेंटर को 210 बेड की क्षमता वाले एक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया गया था, कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होकर यहां अब तक 8 माह से लेकर 90 वर्ष के बुजुर्गों का सफल इलाज किया गया है। यहां कोरोना से संक्रमित मरीजों में ठीक होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का प्रतिशत 87 है।
यह जानकारी संस्थान की ओर से जारी विज्ञप्ति में देते हुए बताया गया है कि 24 अगस्त तक यहां अब तक कुल मरीज भर्ती हुए 824 जिसमें 71% पुरुष और 29% महिलाएं हैं। इनमें से 87% अर्थात 573 पूरी तरह से ठीक हो कर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। सबसे कम उम्र के ठीक होने वाले मरीज की उम्र 8 माह और सबसे अधिक उम्र के रोगी जो इस बीमारी से उपचार प्राप्त कर ठीक हुए, 90 साल है।
यहां आईसोलेशन के 110 बेड, आईसीयू के 80, डायलिसिस के लिए 10 बेड और 10 प्राइवेट कक्षों की व्यवस्था है। राजधानी कोविड हॉस्पिटल में triage 3 है, जो कि पूर्णतया समर्पित इमरजेंसी है और यहाँ 10 बेड की व्यवस्था है। यहां सभी रोगियों के प्रबंधन और निरीक्षण की त्रिस्तरीय व्यवस्था है। हर वार्ड के राउंड के समय सीनियर चिकित्सक के साथ-साथ सीनियर रेजिडेट और वार्ड की नर्सिंग इंचार्ज भी रहते हैं। इसके अलावा ईको प्लेटफार्म पर virtual ICU rounds द्वारा नोडल अधिकारी व निदेशक इन रोगियों की स्थिति के बारे में विचार विमर्श करते हैं। अस्पताल में कोविड पाजिटिव रोगियों की डायलिसिस की भी सुविधा है।
RCH में उत्कृष्ट 24 Hour लैब सेवा भी प्रारंभ की गई हैं जिससे कोविड 19 पॉजिटिव भर्ती मरीजों के टेस्ट सुचारु रूप से की जा सके। यहाँ भर्ती होने के समय यदि रोगी घर से जरूरत का सामान लाना भूल जाता है, तो उसे यहां से एक छोटा किट प्रदान किया जाता है, जिसमें रोजमर्रा के सामान जैसे टूथब्रश, साबुन, टूथपेस्ट इत्यादि उपल्ब्ध करवाया जाता है।
यहाँ अस्पताल के अंदर फार्मेसी की भी सुविधा है, जहां सभी मेडिकल और सर्जिकल सामान उपलब्ध हैं। कोविड 19 पाजिटिव रोगियों की आवश्यकता के अनुसार उनके पोषण की जरूरत को देखते हुए पर विशेष रूप से तैयार आहार प्रदान किए जाते हैं और इसके लिए किचन की उत्कृष्ट सेवाएं भी उपलब्ध हैं। अस्पताल में एक रिफ्रेशमेंट जोन भी बनाया गया है जहां यह कठिन और थकाने वाली ड्यूटी के पश्चात स्वास्थ्य कर्मियों को अल्पाहार प्रदान किया जाता है।