-डीएवी डिग्री कॉलेज में कोविड पश्चात् समय में विज्ञान का दृष्टिकोण विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मंत्री का उद्बोधन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान संकटकाल के बाद पूरी दुनिया में हर क्षेत्र, हर समुदाय की सोच और लोगों के नजरिया में व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कोविड की गहरी चुनौती और उसके नकारात्मक प्रभाव के साथ-साथ इस चुनौती से जूझने की भारत की क्षमता को भी दुनिया ने देखा।
श्री द्विवेदी ने यह बात आज डी ए वी डिग्री कॉलेज, लखनऊ में “कोविड पश्चात् समय में विज्ञान का दृष्टिकोण” (परसेप्शन ऑफ साइंस इन पोस्ट कोविड एरा) विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में अपने मुख्य अतिथि के रूप में दिये सम्बोधन में व्यक्त किये। डॉ सतीश द्विवेदी ने कोविड 19 महामारी के कड़वे अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि भविष्य में शायद प्री कोविड और पोस्ट कोविड के रूप में समय का बंटवारा होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शोध, वैक्सीन निर्माण, चीजों की ऑनलाइन सप्लाई, ऑनलाइन शिक्षा जैसे उपायों का पैराडाइम चेंज कर दिया।
इस मौके पर डॉ सतीश द्विवेदी ने महाविद्यालय की औषधीय आरोग्य वाटिका में आंवले के पौधे का रोपण भी किया। सेमिनार के आरम्भ में शोध लेख सारांश पुस्तिका का विमोचन डा.सतीश द्विवेदी के साथ महाविद्यालय के प्रबंधक मनमोहन तिवारी, प्रो.एस डी शर्मा, प्रो.वी पी शर्मा ,प्रो.एस के सक्सेना, महाविद्यालय के प्राचार्य डा.राजीव कुमार त्रिपाठी, सेमिनार की संयोजिका डा.प्रीति सक्सेना ने किया।



आईआईटीआर के मुख्य वैज्ञानिक प्रो वी पी शर्मा ने कहा कि भारत में चिकित्सा ढांचा बहुत बेहतर न होने के बावजूद बचाव के साधन और लॉकडाउन के फैसले से भारत में मौत की दर कम रही।
दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता प्रो एसके सक्सेना, वाइस डीन ऐंड हेड, सेंटर फॉर एडवांस एडवांस रिसर्च, के.जी.एम,यू ने जोर देकर कहा कि कोविड महामारी से निपटने में फोर पी (प्रिपेयर,प्रिपरेशन,प्रिवेंट,प्रोटेक्ट) को बहुत कारगर हैं। उन्होंने कोविड और पोस्ट कोविड काल में हेलो डॉक्टर (मोबाइल परामर्श) और ईसंजीवनी ऐप (ऑनलाइन ओपीडी) से मरीजों का इलाज की सुविधा उपलब्ध होने की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि प्रो एस डी शर्मा ने कहा कि कोविड महामारी के भयावह अनुभव से भारत सरकार और राज्य सरकारों ने चिकित्सा सुविधा के विकास को प्राथमिकता दी है। उनका मानना था कि चिकित्सा शोध, कार्यनीति और सुविधाओं को आम जनता तक पहुँचाने की जरूरत है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय के प्रबंधक मनमोहन तिवारी ने महाविद्यालय के गौरवशाली अतीत की याद दिलाते हुए उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार जताया।
सेमिनार का दूसरा सत्र एकेडमिक सत्र था, जिसमें विभिन्न शिक्षा संस्थानों के कई दर्जन शिक्षकों, शोध छात्रों एवं छात्र-छात्राओं ने अपने शोध आलेख पढ़े अथवा अपने विचार/अनुभव साझा किया। सेमिनार के दोनों सत्रों का संचालन डॉ. शुभा यादव ने किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव कुमार त्रिपाठी और सेमिनार की संयोजिका डॉ. प्रीति सक्सेना ने उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों, शोध छात्रों, मीडिया कर्मियों एवं बडी़ संख्या में उपस्थित डी ए वी कॉलेज के विद्यार्थियों के प्रति आभार जताया।
