-कर्मचारियों की पेंशन को लेकर रिजर्व बैंक के तर्क पर आश्चर्य जताया इप्सेफ ने
-इप्सेफ ने कमेटी अध्यक्ष को दी अपने आंकड़े को गलत साबित करने की चुनौती
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि अंग्रेजों के समय से दी जा रही पुरानी पेंशन की बहाली से केंद्र व राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति बर्बाद हो जाएगी, रिजर्व बैंक का यह तर्क सही नहीं है। पेंशन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवन का सहारा होती है। इस नीति के तहत तो अच्छा होता कि सबसे पहले मंत्री /सांसद /विधायक की पेंशन समाप्त करके आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए था।
वित्त मंत्रालय अभी तक यह नहीं बता पाया है कि एनपीएस में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को कितनी पेंशन मिलेगी और उसे कितनी धनराशि का नकद भुगतान मिलेगा।
इप्सेफ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में यह साबित कर रखा है कि एनपीएस में भारत सरकार द्वारा 14% की जमा धनराशि से सेवानिवृत्ति के समय जो उक्त धनराशि का ब्याज मिलेगा इस 50% धनराशि से पुरानी पेंशन (50%) मिलने लगेगी। इसके लिए सरकार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
इप्सेफ ने भारत सरकार के वित्त सचिव (गठित कमेटी के अध्यक्ष) से जानना चाहा है कि इप्सेफ के आंकड़े क्या गलत हैं? यदि हो तो उसे साबित करें। भारतीय रिजर्व बैंक से भी इप्सेफ के आंकड़े पर अपनी प्रतिक्रिया देने की अपेक्षा की गई है।
कर्मचारियों से गुमराह न होने की अपील
वी पी मिश्र ने देशभर के कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस तरह के आंकड़ों एवं प्रतिक्रिया से गुमराह न हों। इप्सेफ ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि आंकड़ों के जाल से बचकर देश के करोड़ों कर्मचारी परिवार की रक्षा के लिए पुरानी पेंशन बहाल कर दें अन्यथा भावी चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
श्री मिश्रा ने कर्मचारियों से भी अपील की है कि वह पुरानी पेंशन की बहाली के लिए भारत सरकार पर निरंतर दबाव बनाए रहें। इप्सेफ जल्द ही अगले आंदोलन की घोषणा करेगा।