वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ अनुरुद्ध वर्मा की राय

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के परिणाम लगभग आ चुके हैं। मोदी लहर के चलते भाजपा की सरकार के बारे में एग्जिट पोल दावे तो दिखा रहे थे लेकिन फिर भी विपक्ष इसे आसानी से पचाने के लिए तैयार नहीं था। जो कि प्रैक्टिल रूप से देखा जाये तो सही भी था, लेकिन अब जब कि तस्वीर साफ हो चुकी है, ऐसे में एक से बढ़कर एक उलटफेर हुए हैं।
प्रत्याशी हों या उनके समर्थक जीत की खुशी और हार का अफसोस तो होता ही है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया भी है। लेकिन दिक्कत तब हो जाती है जब जीत की खुशी और हार का गम जरूरत से ज्यादा हो जाता है। जब ऐसा होता है तो यह बीमारी की अवस्था कहलाती है, इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक में बिल्कुल सटीक उपचार मौजूद हैं।
यह बात वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने कही। ‘सेहत टाइम्स’ से खास बात में उन्होंने बताया कि जीत और हार दो ऐसे पहलू हैं जिनके लिए प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को मन बनाकर चलना चाहिये और वे चलते भी हैं लेकिन कभी-कभी स्थिति गड़बड़ हो जाती है और इससे ग्रस्त व्यक्ति मानसिक रूप से ज्यादा परेशान हो जाता है। लेकिन ऐसे लोगों के लिए मेरा सुझाव है कि वे प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर अपनी समस्या बतायेंगे तो निश्चित ही उन्हें कारगर उपचार मिलेगा।
डा0 अनुरूद्ध वर्मा ने बताया कि चुनाव के बाद जहां कुछ नेताओं को खुशी के मारे नींद नहीं आती है तो वहीं पर हारे हुए प्रत्याशी को चिंता के कारण नींद उड़ जाती है। चुनाव में खर्च हुए अथाह धन के कारण भी हारे हुए नेता को आधात लग सकता है, कुछ नेता हार के कारण चिड़चिड़े हो सकते हैं तो कुछ को हृदय रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। यहां तक कि कुछ लोगों में आत्महत्या करने की इच्छा भी होने लगती है।
उन्होने बताया कि चुनाव में हार के कारण कुछ नेता डिप्रेशन की चपेट में आ जाते हैं, गुमसुम रहने लगते है, कुछ करने की इच्छा नहीं करती है, कुछ लगातार तनाव में जीने लगते हैं। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं पर गुस्सा करने लगते है और चिड़चिड़े हो जाते हैं तथा उनमें नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाता है। कुछ नेताओं में चुनाव हारने के बाद उन्माद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कुछ नेता चुनाव हारने के बाद अपने को अपमानित महसूस करने लगते हैं तथा समाज से कटने लगते हैं।
डा वर्मा ने बताया कि चुनाव के बाद यदि नेता में किसी भी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानी उत्पन्न होती है तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि होम्योपैथी में अनेक औषधियां हैं जो इन परेशानियों को दूर करने में कारगर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार की समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवाइयां खायें और चुनाव के बाद की परेशानियों से निजात पायें। उन्होंने बताया कि यदि चुनाव के बाद किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल प्रशिक्षित होम्योपैथिक चिकित्सक की परामर्श लेकर औषधियों का सेवन करें। उन्होने यह भी सलाह दी की चुनाव के बाद योग, प्राणायाम एवं ध्यान की तकनीक अपनाकर मन को स्वस्थ रखना चाहिए।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times