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कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी एकसाथ दी जाये तो परिणाम ऑपरेशन से भी बेहतर

-एडवांस सर्विक्स कैंसर सहित कई अन्य शोधों की जानकारी दी गयी केजीएमयू में आयोजित व्याख्यान में

-टाटा मेमोरियल सेंटर, मुम्बई के निदेशक प्रो सुदीप गुप्ता ने केजीएमयू में दिया प्रो. देवेंद्र गुप्ता व्याख्यान

प्रो. सुदीप गुप्ता

धर्मेन्द्र सक्सेना

लखनऊ। टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के निदेशक प्रो. सुदीप गुप्ता ने कहा है कि कैंसर के उपचार में पिछले सालों में कई शोध हुए हैं भारत में टाटा मेमोरियल सेंटर में कई शोध हुए हैं, इनमें कई नतीजे ऐसे आये हैं जिनमें आउटकम बेहतर हो रहा है। उन्होंने बताया कि एक शोध में पाया गया है कि एडवांस सर्विक्स कैंसर में रेडियोथैरेपी और कीमोथैरेपी अगर एक साथ दी जाये तो ऑपरेशन के मुकाबले परिणाम बेहतर आते हैं, साथ ही इंटेनसिटी मॉड्यूलेटेड रेडियोथैरेपी टेक्नीक के प्रयोग से साइड इफेक्ट कम होता है।

प्रो सुदीप ने यह जानकारी 23 दिसम्बर को अपने केजीएमयू आगमन पर ’सेहत टाइम्स’ के साथ वार्ता करते हुए दी। डॉ सुदीप यहां केजीएमयू में आयोजित वार्षिक रिसर्च शोकेस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। प्रो गुप्ता ने ’मैं सोचता हूँ, इसलिए मैं हूँ’… विषय पर “प्रो. देवेंद्र गुप्ता व्याख्यान“ दिया। प्रो गुप्ता ने दिये गये अपने व्याख्यान के बारे में बताया कि एडवांस सर्विक्स कैंसर में जब रेडियोथैरेपी देनी हो तो उसकी एक आधुनिक तकनीक ’इंटेनसिटी मॉड्यूलेटेड रेडियोथैरेपी’ का इस्तेमाल किया जाये तो मरीज को कम साइड इफेक्ट होते हैं। उन्होंने बताया कि क्योंकि सर्विक्स के आगे होती है पेशाब की थैली तथा सर्विक्स के पीछे होता है रैक्टम, तो ऐसे में जब इस नयी तकनीक इंटेनसिटी मॉड्यूलेटेड रेडियोथैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है तो रेडिएशन का प्रभाव कम होता है जिससे पेशाब और मल त्यागने में दिक्कतें (यूरिन प्रॉब्लम, स्टूल प्रॉब्लम) कम होती हैं।

ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर में ’प्लैटिनम’ दवा के परिणाम अच्छे

डॉ सुदीप ने एक अन्य रिसर्च के बारे में बताया कि एक दवा ’प्लैटिनम’ को ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर में इस्तेमाल किया जाये तो 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं का सर्वाइवल रेट काफी बढ़ जाता है, साथ ही यह दवा सस्ती भी है। ज्ञात हो ब्रेस्ट कैंसर तीन प्रकार के होते हैं, इसका पता टिश्यू की जांच से चलता है। कैंसर के टिश्यू को जब पैथोलॉजिस्ट देखते हैं तो उसे टेस्ट करते हैं, जिससे कैंसर के प्रकार का पता चलता है, उन्होंने बताया कि पहले प्रकार का कैंसर होता है ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव Estrogen receptor positive, दूसरे प्रकार का होता है हर टू रिसेप्टर पॉजिटिव HER2 receptor positive और तीसरा होता है ट्रिपल निगेटिव Triple-negative breast cancer जिसमें ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर और हर टू रिसेप्टर दोनों ही निगेटिव होता है, यह ज्यादा ही खतरनाक होता है, और उपचार के बाद इसके वापस होने की संभावना ज्यादा होती है।

हर टू HER2 पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर में महंगी दवा Trastuzumab को अभी कम से कम एक साल दी जाती है लेकिन हमने अपने शोध में यह पाया कि इस दवा को अगर तीन माह से छह माह तक भी दी जाये तो वही परिणाम आते हैं जो एक साल तक दवा देने से आते हैं। ये सभी नतीजे आयुष्मान भारत ट्रीटमेंट में भी शामिल हुए हैं जिनसे मरीजों को बहुत लाभ पहुंचा है।

उन्होंने यह भी बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर में सर्जरी करने से पहले सर्जरी करने वाले हिस्से के अगर चारों तरफ लोकल एनेस्थीसिया ड्रग इंजेक्ट कर दी जाये तो सर्जरी के नतीजे बेहतर आते हैं।

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