-न मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग, ई रिक्शा का भी हो रहा संचालन

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोरोना का प्रकोप राजधानी लखनऊ में जबरदस्त तरीके से फैला हुआ है, अस्पतालों में बेड भर चुके हैं, प्राइवेट अस्पतालों, होटलों को मरीजों की भर्ती के लिए चुना गया है। लेकिन बड़ी बात यह है कि सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो एक स्थिति ऐसी आयेगी कि ये अतिरिक्त व्यवस्थायें भी कम पड़ेंगी। सरकार ने भी हर सप्ताह 55 घंटे के मिनी लॉकडाउन को लागू किया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इसका लाभ क्या है क्योंकि लापरवाही करने वाले लोग अगर लापरवाही करते रहेंगे तो संक्रमण तो फैलता ही रहेगा।



राजधानी लखनऊ की बात करें तो आज यानी शनिवार 18 जुलाई को सुबह से ही सड़कों पर ऐसा नजारा था मानो सामान्य दिन हो, जबकि बीती शुक्रवार रात्रि 10 बजे से मिनीलॉकडाउन शुरू हो चुका है, जो कि सोमवार सुबह 5 बजे तक चलेगा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सड़कों पर लोग आ-जा रहे थे, लॉकडाउन में चलने पर रोक के बावजूद ई रिक्शा न सिर्फ चल रहे थे, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सवारियों को बैठाकर चल रहे थे, और तो और सुबह-सुबह काम की तलाश में अड्डे पर इकट्ठे होने वाले मजदूर भी खड़े थे। फैजुल्लागंज, बालागंज में लेबर अड्डे पर मजदूरों की भीड़ जमा थी, न मुंह पर मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग। जब उनसे इस बात के लिए पूछा गया कि आज लॉकडाउन है क्यों खड़े हो यहां, उनका कहना था कि उन्हें पता ही नहीं है कि लॉकडाउन है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कमोवेश ऐसा ही नजारा चौक, ठाकुरगंज आदि दूसरे इलाकों का भी है, जो लोग सड़कों पर निकल रहे हैं, उनमें बिना मास्क वाले लोगों को ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा, आसानी से मिल जाते हैं। कॉलोनियों के अंदर ये नजारे आम हैं, लोगों का झुंड का झुंड ऐसे टहलता है जैसे साधारण काल में पार्क में पिकनिक मना रहे हों। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाये लेकिन इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
