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लिवर सिरोसिस व कैंसर होने की आम वजह है हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी

-संजय गांधी पीजीआई में विश्‍व हेपेटाइटिस दिवस की पूर्व संध्‍या पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। हेपेटाइटिस एक लिवर संक्रमण है जो हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है। इस रोग से बचाव और उपचार दोनों संभव हैं, लेकिन लापरवाही बरतने की स्थिति में ये रोग जानलेवा हो सकता है।


यह जानकारी विश्‍व हेपेटाइटिस दिवस की पूर्व संध्‍या पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में संजय गाँधी स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा “ग्रुप अवेयरनेस फ़ॉर पेशेंट्स (गैप)” के अंतर्गत दी गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हेपेटाइटिस के बारे में जनजागरूकता को बढ़ाना था।


कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि हेपेटाइटिस वायरस दुनिया में हेपेटाइटिस का सबसे आम कारण है, लेकिन अन्य संक्रमण, विषाक्त पदार्थ (जैसे शराब, कुछ दवाएं), और ऑटोइम्यून रोग भी हेपेटाइटिस का कारण बन सकते हैं। पांच मुख्य हेपेटाइटिस वायरस हैं, जिन्हें ए, बी, सी, डी और ई प्रकार के रूप में जाना जाता है। 28 जुलाई को हेपेटाइटिस जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस जागरूकता माह का उद्देश्य हेपेटाइटस, इसके लक्षणों और इससे प्रभावित लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में लोगों की समझ को बढ़ाना है। इसकी व्यापकता के बावजूद, बहुत से लोग विकार से परिचित नहीं हैं। इस विकार से ग्रसित अधिकांश लोग दूसरों के साथ अपने लक्षणों पर चर्चा करने संकोच करते हैं। हेपेटाइटिस जागरूकता दिवस का उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करने में मदद करना है।


इस अवसर पर बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सक एवं शोधकर्ता प्रो. उदय घोषाल ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी करोड़ों लोगों में रोग का कारण बनते हैं और एक साथ ये लिवर सिरोसिस और कैंसर का सबसे आम कारण हैं। डॉ. गौरव पांडे ने बताया कि हेपेटाइटिस रोग के उपचार के लिए अनेक एंटीवायरल दवाइयां उपलब्ध हैं। डॉ. आकाश माथुर ने कहा कि आराम करने,उल्टी के उचित चिकित्सा प्रबंधन और हाई कैलोरी भोजन व तरल पेय पदार्थ के सेवन तथा शराब व कुछ विशिष्ट दवाइयों के सेवन से बचने से भी हेपेटाइटिस के रोगी को राहत मिलती है।


इंग्लैंड से भारत शोध करने आई सुश्री एरिका ने भी इस गोष्ठी में भाग लिया तथा मरीज़ों से संवाद किया । इस अवसर पर डॉ. अंकुर यादव एवं डॉ. पीयूष मिश्रा भी उपस्थित रहे। गोष्ठी के अंत में मेडिकल सोशल वर्कर श्री रमेश द्वारा आमजन में फलाहार का वितरण कराया गया ।

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