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युवा व बुजुर्गों में बराबर असरदार कोविड वैक्‍सीन पर ऑक्‍सफोर्ड से आयी अच्‍छी खबर

-दूसरे चरण के ट्रायल के परिणाम दि लैंसेट जर्नल में प्रकाशित

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोविड-19 से बचाव के लिए दुनिया भर में कई जगहों पर किए जा रहे वैक्सीन ट्रायल के बीच यूनाइटेड किंगडम की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी एक अच्छी खबर है। यहां ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा एस्ट्राजेनिका के साथ किये जा रहे वैक्सीन शोध के दूसरे चरण के परिणाम काफी उत्साहजनक हैं। दूसरे चरण के ट्रायल के परिणामों को मेडिकल जर्नल दि लैंसेट में प्रकाशित किया गया है। आपको बता दें दि‍ लैंसेट दुनिया का अति प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल है।

मैनचेस्‍टर में रहने वाले एक प्रतिष्ठित डॉक्‍टर ने ‘सेहत टाइम्‍स’ को बताया कि दि लैंसेट में प्रकाशित वैक्सीन शोध के दूसरे चरण के परिणाम के बारे में बताया गया है कि इस चरण में 560 प्रतिभागी थे, इस ट्रायल में 240 प्रतिभागियों की आयु 70 वर्ष से ज्यादा (अधिकतम 73-74 वर्ष) है। ट्रायल के परिणामों के अनुसार ट्रायल में शामिल सभी वृद्ध प्रतिभागियों में यह वैक्‍सीन सफल रही, इसके कोई भी साइड इफेक्ट नहीं हुए और प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षा अनुसार विकसित हुई।

खास बात यह है कि इन बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता जो विकसित हुई वही युवा वर्ग में भी विकसित हुई, यानी वैक्सीन युवा और वृद्ध दोनों में समान रूप से कारगर है। मौजूदा समय में यह वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में है, तीसरे चरण का यह ट्रायल अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका के 30,000 प्रतिभागियों पर किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी फाइजर और मॉडर्ना के पीछे चल रहा है क्योंकि फाइजर और मॉडर्ना तीसरे चरण के समाप्त होने और उसकी सफलता के कगार पर हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की उत्पादन तकनीक ज्यादा सुलभ और सरल होगी विशेषकर विकासशील देशों के लिए, जहां पर 10 करोड़ तक डोजेज के उत्पादन की क्षमता होगी।