ऑनलाइन पंजीकरण अब 50 प्रतिशत ही मरीजों का, शेष 50 फीसदी पर सीधे पहुँचने वालों का पंजीकरण
पूरे देश से इलाज करवाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नयी दिल्ली पहुँचने वाले मरीजों को अस्पताल की ओर से एक बड़ी राहत दी गयी है. AIIMS ने अपने ओपीडी के नियमों में बदलाव करते हुए हजारों मरीजों को फायदा दिया है। एम्स में अब से ओपीडी में 50 प्रतिशत कोटा ऑनलाइन मरीजों के लिए रखा जाएगा, और बाकी 50 प्रतिशत कोटा अस्पताल पहुंचे मरीजों के लिए होगा जो तुरंत रजिस्ट्रेशन कराते हैं। एम्स में इलाज की तारीख न मिलने के कारण कई मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता था। ऐसे में ये नया नियम मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। बता दें कि एम्स में तारीख मिलने में इतनी दिक्कत होती है कि मरीजों को अगले साल की तारीखें मिल रहीं थीं। नया नियम सोमवार से ही लागू हो गया है, इसका फायदा पहले दिन ही देखने को मिला जब वेटिंग की तारीख 9 माह घट गयी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एम्स प्रशासन ने मरीजों को फायदा देते हुए ओपीडी नियमों में बदलाव किया है। अब ओपीडी के लिए केवल 50 प्रतिशत ही अपॉइंटमेंट ही ऑनलाइन किए जाएंगे। बाकी 50 प्रतिशत अपाइंटमेंट मरीज एम्स पहुंचकर ले सकते हैं। अभी तक ओपीडी के 75 प्रतिशत अपॉइंटमेंट ऑनलाइन लिए जाते थे। ऐसे में दूर-दराज से आए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के कारण उन मरीजों को परेशानी होती है, जो ऑनलाइन अपॉइंटमेंट का सिस्टम नहीं जानते हैं।
अस्पताल पहुंचकर रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों को पंजीकरण के लिए सिर्फ 25 प्रतिशत कोटा मिलता था, जिससे इन मरीजों को कभी-कभी बिना इलाज के ही वापस अपने घर लौटना पड़ता था। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के कारण वेटिंग इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि स्किन, यूरोलॉजी, नेफ्रॉलजी और मेडिसिन जैसे डिपार्टमेंट में अभी अपॉइंटमेंट लेने पर अगले साल फरवरी, 2019 तक की डेट मिल रही थी। इस वेटिंग के कारण ही प्रशासन ने ओपीडी की ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को 50 प्रतिशत करने का फैसला लिया। बदले हुए नियम 2 अप्रैल से लागू किए गए। इस दो फेज में लागू करने का फैसला लिया गया है। 2 अप्रैल से शुरू हुआ फेज 15 मई तक चलेगा और इसके बाद इसका रिव्यू होगा।
कहा जा रहा है कि नियम में हुए बदलाव का असर दिखना शुरू भी हो गया है। एम्स के राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में नए नियम के बाद नजदीक की ही तारीख मिल रही है। इससे पहले मरीजों को यहां साल 2019 की तारीख मिल रही थी, लेकिन नए नियम के बाद 2 अप्रैल को भी अपॉइंटमेंट मिल रहा है। इसमें वेटिंग ज्यादा से ज्यादा मई तक पहुंची है। नए नियम के तहत 50 प्रतिशत नए ओपीडी मरीजों के लिए स्लॉट रखा गया है। पहली बार एम्स में इलाज कराने पहुंच रहे या दोबारा दिखाने पहुंच रहे मरीजों को सबसे पहले पेशंट रिसेप्शन सेंटर पहुंचना होगा।
इन मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड सुबह 9 बजे से 11 बजे तक बनेगा। ये कार्ड सुबह की ओपीडी के लिए बनेगा, वहीं शाम की ओपीडी के लिए कार्ड 1:30 से 3 बजे तक के लिए बनेगा। यहां इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि डिपार्टमेंट में इलाज के लिए अगर मरीजों की संख्या 100 है, तो उसमें से 50 मरीज वैसे होंगे जिनका कार्ड एम्स पहुंचने के बाद बना होगा। ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर भी अलग-अलग कर दिए गए हैं। ऑफलाइन का रजिस्ट्रेशन पेशंट सेंटर में होगा और ऑनलाइन वालों का ओपीडी के पास। वहीं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले मरीजों का कार्ड बनने का समय सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम 1:30 से 3 बजे तक है।