-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दहेज के लिए जलाये जाने की शिकार महिलाओं को समर्पित मेकअप से दिल को छूने की कोशिश
‘श्रद्धा मेकओवर’ से शुरू हुनर जो लॉकडाउन के बाद से बन गया फुल जॉब
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। ईश्वर ने हर लड़की को खूबसूरत बनाया है, हम तो उनके आत्मविश्वास को निखारते हैं। मुझे बहुत अच्छा लगता है लोगों को खूबसूरत बनाना, उनके अनमोल पलों को खूबसूरत और यादगार बनाने का काम करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मेरा आज का मेकअप समर्पित है उन लड़कियों को जिनके अंदर शादी को लेकर बहुत से ख्वाब होते हैं, लेकिन वो तब टूट जाते हैं जब उनको दहेज के लिए जला दिया जाता है।
यह कहना है ‘श्रद्धा मेकओवर’ नाम से फ्री लॉन्सिंग करने वाली श्रद्धा सक्सेना का। समाज के लिए कुछ न कुछ करने की हमेशा से लालसा रखने वाली श्रद्धा के अंदर नारी को बेचारी कहलाना बिल्कुल पसंद नहीं है, वह कहती हैं कि नारी को ईश्वर ने बहुत ताकतवर बनाया है, जरूरत है उस ताकत को पहचानने की। श्रद्धा बताती हैं कि इस बार के अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैंने अपने हुनर, जो पिछले दिनों लॉकडाउन के बाद से फुलटाइम जॉब बन गया है, को दहेज के लिए सतायी, जलायी जाने वाली महिलाओं को समर्पित किया है। श्रद्धा ने एसएफएक्स स्पेशल इफेक्ट से चेहरे को जला हुआ दिखाने की कोशिश की है।
श्रद्धा कहती हैं कि पता नहीं कैसे लोगों में इतना लोभ आ जाता है कि वे दूसरों की बच्चियों की भावनाओ को तार-तार कर देते हैं। मैंने आज अपने मेकअप से यही संदेश दिया कि असली महिला सशक्तिकरण तब होगा जब ऐसे लोगों को हर लड़की में अपनी बेटी, अपनी बहन दिखेगी।
शौक कैसे बना फुल टाइम जॉब
श्रद्धा कहती हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से पूर्व मैं फ्रीलांस मेकअप और ब्यूटीशियन का काम मैं अपने खाली समय मे करती थी। लॉकडाउन में जहां लोगों की नौकरी चली सैलरी में समस्या आने लगी तब मैंने अपने इस काम को फुल टाइम जॉब में करना शुरू किया। मैंने लैक्मे ज्वॉइन किया, श्रद्धा मेकओवर के नाम से मैंने अपना काम शुरू किया। जब मैं सीखती थी तब मेरी ट्रेनर प्रीति श्रीवास्तव जितनी बारीकी से हमको सिखाती थी उतनी ही शिद्दत से मैं अपनी हर प्रैक्टिस को करने की कोशिश करती थी।
गरीब कन्याओं का फ्री में करती हूं मेकअप
मेरी स्वयंसेवी संस्था अंश वेलफेयर फाउंडेशन के ज़रिए मैं उन लड़कियों की शादी का मेकअप निःशुल्क करती हूं जो निर्धन हैं। मेरा मानना है कि आम लड़कियों की तरह उन बच्चियों के भी अरमान होते हैं और अगर हम थोड़ी खुशी उनके चेहरे पर ला पाए तो हमको भी दिल से सुकून मिलता है।