विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर छिपे हाईपरटेंशन के रोगियों को सामने लाने के लिए अस्पताल ने शुरू किये चार कियोस्क
पहले दिन जांच किये गये 500 रोगियों में से 56 को निकला हाई बीपी, 10 का निकला 200 के पार
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर आज बलरामपुर अस्पताल में एक अच्छी पहल शुरू की गयी है, यहां चार कियोस्क खोले गये हैं जहां पर कोई भी व्यक्ति अपना ब्लड प्रेशर नपवा सकता है, खास बात यह है कि इसके लिए उसे अस्पताल का परचा बनाने की भी जरूरत नहीं है। यानी एक भी पैसा इसके लिए खर्च नहीं किया जाना है। इसकी शुरुआत अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने की। पहले दिन 500 लोगों ने अपना ब्लड प्रेशर नपवाया जिसमें 56 लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पायी गयी, इनमें भी 10 ऐसे लोग थे, जिनका सिस्टोलिक अर्थात ऊपर का ब्लड प्रेशर 200 से ऊपर था।
यह जानकारी देते हुए डॉ राजीव लोचन ने बताया कि अस्पताल में चार कियोस्क खोले गये हैं जिनमें तीन कियोस्क ओपीडी परिसर में तथा एक नॉन क्म्युनिकेबिल डिजीज विभाग (एनसीडी) में खोला गया है। यहां पर ओपीडी के दिनों में ओपीडी के समय पर ब्लड प्रेशर नपवाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसकी शुरुआत के बारे में डॉ लोचन ने बताया कि इस आइडिया का विचार मेरे मन में तब आया जब मैं एक कॉन्फ्रेंस में भाग लेने गया था तो वहां पर बताया गया था कि ऐसे बहुत सी संख्या में लोग हैं जिन्हें मालूम ही नहीं है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। डॉ लोचन ने बताया कि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज पहले दिन ही दिखा जब जांच किये गये व्यक्तियों में से 10 प्रतिशत से ज्यादा को उच्च रक्तचाप की शिकायत निकली, उनमें भी करीब 20 प्रतिशत का रक्तचाप गंभीर स्तर तक बढ़ा हुआ निकला।
उन्होंने कहा कि समय रहते हाई ब्लड प्रेशर का पता लगने से दिल, किडनी जैसे अंगों की बीमारियों और उन्हें खराब होने से रोका जा सकता है। ब्लड प्रेशर के इन छिपे हुए रोगियों के बारे में यह पहल तभी सार्थक होगी जब लोग भी जागरूकता दिखाते हुए अपना रक्तचाप चेक करायेंगे।
डॉ राजीव लोचन ने बताया कि विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर अस्पताल में नारे लिखी तख्तियां लेकर एक जागरूकता रैली भी निकाली गयी। जिसमें निदेशक डॉ राजीव लोचन, सीएमएस डॉ आरके सक्सेना, अधीक्षक डॉ हिमांशु चतुर्वेदी, डॉ केएल गुप्ता, डॉ आई सरन, डफरिन हॉस्पिटल की डॉ लिली सिंह, डॉ एसके यादव, डॉ जीके पाण्डेय, डॉ ब्रजेश, डॉ एमएच उस्मानी सहित कई चिकित्सकों, फार्मासिस्टों, नर्सों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इन तख्तियों पर लिखे नारों में ‘फिट हैं तो हिट हैं’, ‘तेल घी मलाई, से दूर रहें भाई’ जैसे नारे शामिल थे।
इस मौके पर कार्डियोलॉजी विभाग में एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार डॉ तबस्सुम को, द्वितीय पुरस्कार डॉ अंशु गुप्ता को तथा तीसरा पुरस्कार डॉ नसरीन फातिमा ने हासिल किया। इसके अलावा डॉ एसके यादव द्वारा लोगों को सम्बोधित करते हुए ब्लड प्रेशर का महत्व बताते हुए इसे नियंत्रित रखने के लिए इसके प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गयी।