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बीत गये चार साल, आदेश के बाद भी केजीएमयू कर्मचारियों के वेतन-भत्‍तों का वही हाल

-अपर मुख्‍य सचिव स्‍तर पर अब तक नहीं किया गया है निर्देशों का अनुपालन

-केजीएमयू की कर्मचारी परिषद ने कुलाधिपति को पत्र भेजकर आ‍देशित करने का किया अनुरोध

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को संजय गांधी पीजीआई के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के समान वेतन भत्‍ते एवं अन्य सुविधाएं दिए जाने पर सहमति और आदेश होने के बावजूद अभी तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है। 4 साल की लम्‍बी अवधि के बाद आदेशों का क्रियान्वयन न होने से व्यथित कर्मचारी परिषद ने एक बार फिर कुलाधिपति राज्यपाल को इस विषय में पत्र प्रेषित इसे लागू कराने का अनुरोध किया है।

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार एवं महामंत्री राजन यादव द्वारा भेजे गए इस पत्र में अनुरोध किया गया है कि 23 अगस्त 2016 के शासनादेश में चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से संजय गांधी पीजीआई के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते एवं सुविधाएं अनुमन्य की गई थीं। इस संबंध में केजीएमयू के कुलपति द्वारा 20 अक्टूबर 2020, 6 जून 2020 तथा 19 जुलाई 2019 को पत्र भेजकर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश वित्तीय संशोधन परि‍नियमावली 2019 पर अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया था।

इस पर कुलाधिपति ने 22 सितंबर 2020 को वित्त संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्री सुरेश खन्ना को परिनियमावली संशोधन के संबंध में शासन स्तर से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा इस विषय में विभाग के अपर मुख्य सचिव को अविलंब निर्णय लेने के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद परि‍नियमावली संशोधन का अभी तक प्रभावी निस्तारण नहीं हुआ है जिससे चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मियों की पदोन्नति वेतनमान एवं अन्य लाभ विगत 4 वर्षों से लंबित है। नेताद्वय ने कुलाधिपति से इस विषय में संबंधित स्तर पर आवेशित करने का अनुरोध किया है।