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पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सिर्फ वृक्षारोपण नहीं, जल संरक्षण व कूड़ा निस्‍तारण प्रबंधन भी जरूरी

-केजीएमयू में रोटेटिंग मीडिया बायो रिएक्टर पद्धति पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का किया लोकार्पण

सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सिर्फ वृक्षारोपण ही नहीं अपितु जल संरक्षण, कूड़ा निस्तारण प्रबंधन भी जरूरी है। उन्होंने कहा पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना आज बेहद जरूरी है।

राज्‍यपाल ने यह बात आज यहां लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयूमें पर्यावरण विभाग के अंतर्गत रोटेटिंग मीडिया बायो रिएक्टर पद्धति पर स्थापित किए गए पांच सौ के0एल0डी0 क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लोकार्पण के मौके पर कही। केजीएमयू में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आज आयोजित किए गए इस समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण पर प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक एवं संगीत कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने के.जी.एम.यू. द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और उचित वेस्ट मैनेजमेंट करने की पहल की प्रशंसा की।


अपने संबोधन में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के परिसरों को स्वच्छ रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा अपना परिसर घर की तरह स्वच्छ रखें। उन्होंने जोर दिया कि विश्वविद्यालय का हर विभाग, हर ऑफिस, हर अधिकारी अगर अपना दायित्व निभायेगा तो कुलपति को स्वयं स्वच्छता के लिए प्रयास करने की आवश्यकता नहीं होगी।


विश्वविद्यालयों को अपनी गतिविधियां समाज हित से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए राज्यपाल ने उचित कूड़ा प्रबंधन करके खाद तैयार कर किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराने वाले विश्वविद्यालय का उदाहरण भी समारोह में दिया।

उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों की सहभागिता से अनुपयोगी सामग्री को उपयोगी बनाकर प्रयोग में लाया गया। उन्होंने इसी क्रम में विश्वविद्यालय में सर्वथा निष्प्रयोज्य सामग्री के भंडारण का निस्तारण करने पर भी जोर दिया और कहा कि सर्वोच्च पदों पर बैठे पदाधिकारी इस कार्य को अपनी जिम्मेदारी समझें।


पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने प्राकृतिक संसाधनों की बहुपयोगिता और संरक्षण पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट लगाकर गांवों तक उसका लाभ प्रदान करवाने, अमृत ताल एवं अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाबों, नदियों, जलाशयों का संरक्षण और पुनर्जीवित करने की दिशा में चल रहे कार्यों का उल्लेख भी किया। समारोह में राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

समारोह में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने सम्बोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति के.जी.एम.यू. के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण के लिए जागरूक देश है और आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण में भारत की जागरूक भूमिका की अपेक्षा कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे अपने चिकित्सीय दायित्व के प्रति समर्पित होकर मरीज के हित में सेवा भाव से कार्य करें। के.जी.एम.यू. के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डा0 बिपिन पुरी ने राज्यपाल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में हो रहे सुधार की चर्चा की।


कार्यक्रम में पैरामेडिकल के छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक तथा मेडिकल छात्रों ने संगीत प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर एनवायरनमेंट इकोसिस्टम के.जी.एम.यू. विषय पर एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, समस्त संकाय सदस्य, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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