-बाल शल्य चिकित्सा दिवस पर केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। बच्चों की सर्जरी हमेशा बच्चों के सर्जन से ही करानी चाहिये क्योंकि बच्चों के सर्जन पीडियाट्रिक सर्जरी की तीन साल की स्पेशल ट्रेनिंग लेते हैं इसलिए पीडियाट्रिक सर्जन जितनी सुगमता और सफलता से बच्चों की सर्जरी कर सकता है, उतनी सफलता से जनरल सर्जन का करना मुश्किल है। अक्सर देखा गया है कि जनरल सर्जन से सर्जरी कराने के बाद जब कॉम्प्लीकेशन पैदा होते हैं तो पीडियाट्रिक सर्जन की तलाश शुरू होती है।
यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बाल शल्य चिकित्सा दिवस (29 दिसम्बर) पर नवीन ओपीडी परिसर में बाल शल्य चिकित्सा दिवस समारोह में विभागाध्यक्ष प्रो जेडी रावत ने कही। उन्होंने बताया कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन द्वारा इस वर्ष रखी गयी थीम कि बच्चों की सर्जरी बच्चो के सर्जन से कराने के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि यह दिन इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1965 में इस दिन बाल चिकित्सा सर्जरी एक अलग विशेषता बन गई थी।
इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने कहा कि बच्चों की सर्जरी पीडियाट्रिक सर्जन से कराने के बारे में अभी बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है, ऐसे लोगों को इसका महत्व बताते हुए जागरूक किये जाने की आवश्यकता है जिससे कि बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सके।
प्रो रावत ने बताया कि नवजात स्वास्थ्य बीमा के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए सॉल्यूशन फर्म द्वारा अभिभावकों को उनके बच्चों के स्वास्थ्य बीमा के बारे में बताया गया। उन्हें विभिन्न प्रकार की जन्मजात विकृतियों और बाल चिकित्सा सर्जन द्वारा उसके उचित प्रबंधन के बारे में भी बताया गया। विभिन्न प्रकार की जन्मजात विसंगतियों को चित्र के माध्यम से भी जानकारी देते हुए उनके उपचार के बारे में भी दर्शकों को बताया गया।
जागरूकता अभियान के अंत में शंकाओं के समाधान के लिए प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया। बच्चों को उपहार वितरण किया गया। इस मौके पर पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन कुरील, डॉ आनंद पांडे और डॉ नितिन पंत ने भी जागरूकता को लेकर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर कुलपति द्वारा केक काटा गया जिसे बच्चों एवं उनके अभिभावकों के बीच वितरित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. गुरमीत, डॉ अर्चिका, डॉ राहुल और डॉ निरपेक्ष भी मौजूद थे। समारोह में लगभग 100 माता-पिता और बच्चों ने भाग लिया।