चौक चौराहे से डालीगंज पुल तक उपरगामी सेतु के प्रस्ताव पर शासन की सहमति
केजीएमयू में स्वतंत्रता दिवस समारोह में कुलपति ने दी मरीजों के हितार्थ की कई जानकारियां
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) में आने वाले मरीजों को दिक्कत न हो इसके लिए डालीगंज पुल से लेकर चौक चौराहे तक एक उपरगामी सेतु बनेगा, इसका प्रस्ताव केजीएमयू द्वारा भेजा जा चुका है, शासन ने इस पर अपनी मौखिक सहमति जता दी है।
यह जानकारी आज 71वें स्वतंत्रता दिवस पर केजीएमयू में आयोजित समारोह में झंडारोहण के बाद कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने दी। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए मरीजों के हित में कार्य करना चाहिये। उन्होने कहा कि वर्तमान में केजीएमयू में कुल 200 वेंटीलेटर स्थापित हो चुके हैं जो पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सबसे बड़ी यूनिट है।
प्रो. भट्ट ने कहा कि मरीजों के हित में जेनरिक दवाओं को उपलब्ध कराने हेतु अमृत फार्मेसी से समझौता किया जा चुका है जिससे मरीजों को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं को उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार चिकित्सा विश्वविद्यालय में सभी चिकित्सा शिक्षकों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक अटेण्डेंस की व्यवस्था किया जाना है जिससे सभी चिकित्सा शिक्षकों की उपस्थिति सीधे एमसीआई को भी प्राप्त हो सके।
प्रो. भट्ट ने कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में औषधीय पौधे भेंट किये जाने की व्यवस्था की गयी जो कि पर्यावरण के हित से बहुत उपयोगी है। मेरे कुलपति बनने के तत्काल बाद चिकित्सा विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के पीएफ और ईएसआईसी को सुचारु रूप से काटना एवं उनके भुगतान के लिए सुचारु व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित किया गया। हम अपने राजनीतिक आजादी, अपने सांस्कृतिक आजादी और अपनी आर्थिक आजादी के साथ अपने दायित्वों का सही निर्वाह करें तभी आज के दिन को सही मायनेमें हम चरितार्थ कर पायेंगे।
प्रो. भट्ट ने कहा कि ट्रॉमा सेण्टर में आग की दुर्घटना घटितहोने के बाद जिस प्रकार चिकित्सकों, छात्रों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाह किया गया वह काबिले तारीफ हैं। उतनी बड़ी घटना के बावजूद उसी रात इमरजेंसी व्यवस्थाओं को बहाल कर दिया गया। शताब्दी फेज दो में सौरऊर्जा द्वारा संचालित रसोई घर के माध्यम से मरीजोंऔर उनके तीमारदारों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। शताब्दी अस्पताल में तीमारदारों के रहने के लिए पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन द्वारा रैनबसेरे का निर्माण कराया जा रहा है इसके अलावा ओल्ड डेण्टल भवनऔर पल्मोनरी विभाग के पास रैनबसेरे का संचालन किया जा रहा है।
प्रो. भट्ट ने कहा कि सीटीस्कैनऔर एक्स-रे की जांच में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा फिल्म उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई जिससे चिकित्सकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। चिकित्सा विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकार 70 करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।