-डिवाइन हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हुई 36 वर्षीय मरीज की सफल बेन्टाल सर्जरी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। यहां गोमती नगर स्थित डिवाइन हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के अध्यक्ष व पूर्व प्रोफेसर एसजीपीजीआई डॉ एके श्रीवास्तव ने एक बार फिर से दिल की अत्यधिक जोखिम वाली सर्जरी बेन्टाल को सफलतापूर्वक करते हुए 36 वर्षीय मरीज को नयी जिन्दगी दी है। 8 घंटे चली सर्जरी के दौरान 100 मिनट तक हार्ट को बंद रखा गया। 23 नवम्बर को हुई सर्जरी के बाद मरीज इस समय ठीक है।
इस विशेष सर्जरी की जानकारी देने के लिए हॉस्पिटल द्वारा बुलायी गयी पत्रकार वार्ता में डॉ एके श्रीवास्तव के साथ ही डॉ मनोज अस्थाना, अस्पताल की पैथोलॉजिस्ट डॉ दीप्ति सिंह के साथ ही सर्जरी करने वाली पूरी टीम भी उपस्थित रही। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि दुनिया भर में किसी भी एक्सपर्ट द्वारा की जाने वाली इस सर्जरी के दौरान मृत्यु का जोखिम 50 फीसदी है, यानी यह सर्जरी कराने वाले हर दूसरे व्यक्ति की मौत हो जाती है, लेकिन मरीज के परिजनों ने उन पर पूरा भरोसा जताते हुुए उन्हें पूरा सहयोग दिया। डॉ श्रीवास्तव कहते हैं कि शुक्र है ऊपरवाले का कि हम लोग उनके भरोसे पर खरे उतरे। उन्होंने बताया अस्पताल में होने वाली इस प्रकार की यह दूसरी सर्जरी है। इससे पहले एक बार और यह सर्जरी वे कर चुके हैं।
सांस फूलने व सीने में तेज दर्द की हुई थी शिकायत
इस बारे में और जानकारी देते हुए डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मुंबई में होटल मैनेजमेंट का जॉब करने वाले 36 वर्षीय मरीज को 5 से 6 दिनों से सांस फूलने के साथ-साथ सीने में तेज दर्द हो रहा था, डायग्नोसिस कराने पर पता चला कि मरीज की असेंडिंग एओरटा यानी हृदय से निकलने वाली मुख्य रक्त नली जो नीचे कोरोनरी धमनियों की शुरुआत तक, ऊपर मस्तिष्क तक तथा दाहिनी बांह से शुरू होने वाली पहली धमनी तक रक्त नली की दीवारें अंदर से फट रही थीं। इसके चलते हृदय की कार्यक्षमता 36 प्रतिशत तक कम हो गयी थी जबकि हृदय का आकार 52 मिमी से बढ़कर 83 मिमी हो गया था। इसके साथ ही महाधमनी का वॉल्व भी खराब हो गया था जिससे रक्त शरीर में न जाकर वापस हृदय में आ रहा था। मुंबई में डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी की सलाह दी तो मरीज ने साफ कहा कि वह उत्तर प्रदेश में बहराइच के रहने वाले हैं, ऐसे में मैं जो भी इलाज कराऊंगा वह लखनऊ में कराऊंगा। इसके बाद मरीज को लखनऊ लाया गया।
इस तरह की गयी सर्जरी
पत्रकार वार्ता में मौजूद मरीज और उनके भाई ने स्वयं बताया कि हम लोगों ने डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल का बहुत नाम सुना था इसीलिए सीधे यहीं आये। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि आवश्यक खानापूर्ति करते हुए मरीज के परिजनों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए सर्जरी में होने वाले रिस्क के बारे में जानकारी दी गयी। लेकिन घर वालों ने पूरा भरोसा जताते हुए उनसे सर्जरी करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि मरीज का बेंटाल ऑपरेशन किया गया जोकि सफल हुआ। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में उनकी फटी हुई असेंडिंग एओरटा को कृत्रिम नली लगाते हुए बदला गया साथ ही महाधमनी का खराब हो चुका वॉल्व भी बदलते हुए कृत्रिम वॉल्व लगाया गया साथ ही दोनों कोरोनरी धमनियों को भी कृत्रिम ट्यूब में प्रत्यारोपित कर ट्यूब के दूसरे सिरे को महाधमनी के स्वस्थ भाग से जोड़ा गया। पूरा ऑपरेशन लगातार 8 घंटे तक चला इस दौरान 100 मिनट के लिए हार्ट को बंद करना पड़ा था और इस दौरान मरीज को लाइफ सपोर्टेड मशीन पर रखा गया। उन्होंने बताया कि मरीज अब स्वस्थ है तथा उसको आज डिस्चार्ज किया जा रहा है। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज अब पूरी जिंदगी आराम से जिएगा। यह पूछने पर, कि यह बीमारी क्यों होती है, उन्होंने बताया कि जब कोलेस्ट्रोल ज्यादा जमने या हाई ब्लड प्रेशर के चलते ऐसा हो सकता है। इससे बचने के लिए उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि समय-समय पर लोगों को अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और किडनी फंक्शन टेस्ट जैसी जांच करते रहना चाहिए। आजकल की लाइफस्टाइल के चलते होने वाली बीमारियों के परिपेक्ष्य में उन्होंने कहा कि पहले लोग मेहनतकश जीवन जीते थे लेकिन आज इसका अभाव है, आज की जीवन शैली बदल चुकी है। उन्होंने कहा इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि पहले मकान कच्चे होते थे लेकिन लोग पक्के होते थे और अब मकान पक्के हैं लेकिन लोग कच्चे हैं।
अस्पताल के सिल्वर जुबिली समारोह में 11 दिसम्बर को आयेंगी राष्ट्रपति
डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि उनके अस्पताल में हार्ट सर्जरी के लिए अगले हफ्ते से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की सुविधा शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान के सिल्वर जुबली समारोह में आगामी 11 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संस्थान में होने वाले समारोह में आएंगी। पत्रकार वार्ता में डॉक्टर मनोज अस्थाना, अस्पताल की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आभा श्रीवास्तव भी उपस्थित रहीं।