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दुर्घटना या अटैक के बाद जान बचाने वाले ‘सुनहरे एक घंटे’ पर गहन चर्चा करेंगे देश-विदेश के विशेषज्ञ

-आपातकालीन चिकित्सा, ट्रॉमा सेवाओं को मजबूत करने के लिए लखनऊ में आयोजित हो रहा तीन दिवसीय ‘COMET-2025’

डॉ लोकेन्द्र गुप्ता

सेहत टाइम्स

लखनऊ। आपातकालीन चिकित्सा, ट्रॉमा और आपदा प्रतिक्रिया के मुद्दों पर केंद्रित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन काॅन्क्लेव ऑफ मेडिकल इमरजेंसी एंड ट्रॉमा (सीओएमईटी-25) ‘COMET-2025’ का आयोजन शुक्रवार 11 अप्रैल से किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय ‘गोल्डन आवर’ है, यानी मरीज को अचानक हुई परेशानी के बाद का शुरुआती एक घंटा, जो उपचार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें पहले दिन के कार्यक्रम केजीएमयू और डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित होंगे जबकि दूसरे और तीसरे दिन 12 एवं 13 अप्रैल के कार्यक्रम गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होंगे।

यह जानकारी काॅन्क्लेव ऑफ मेडिकल इमरजेंसी एंड ट्रॉमा (सीओएमईटी-25) के संचालक डॉ लोकेन्द्र गुप्ता ने देते हुए कहा है कि सम्मेलन में यूके, पुर्तगाल, बेल्जियम, ओमान, इजरायल, नेपाल सहित कई देशों से अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी भाग लेने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में कई सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को यह अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी नि:शुल्क प्रशिक्षण देगी।

उन्होंने कहा है कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करना और विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना है। इस सम्मेलन में 500 से अधिक विशेषज्ञ, शासकीय अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘गोल्डन आवर’ रखा गया है, जो चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों में वह महत्वपूर्ण समय है, जब त्वरित इलाज से जीवन बचाया जा सकता है। जैसे कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति, दिल का दौरा या स्ट्रोक के मरीजों को यदि समय रहते इलाज मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। ‘गोल्डन आवर’ के दौरान दी गई चिकित्सा मदद से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, और यह समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 11 अप्रैल को केजीएमयू और राम मनोहर लोहिया में विशेषज्ञों द्वारा डॉक्टर्स को गोल्डन आवर के दौरान क्या करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा 12 और 13 अप्रैल को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विशेषज्ञ डॉक्टर्स गोल्डन आवर पर चर्चा करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे।

डॉ. लोकेंद्र ने बताया कि योगी सरकार की विभिन्न पहलों से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो रहा है और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। सम्मेलन के जरिए प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही सम्मेलन में हिस्से लेने वाले डॉक्टर्स को ‘गोल्डन आवर’ के महत्व के बारे में बताया जाएगा ताकि समय रहते उपचार मिल सके और हर साल होने वाली हजारों मौतों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सम्मेलन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और उम्मीद है कि इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, इसी का असर है कि आठ साल पहले जिस प्रदेश को बीमारू प्रदेश कहा जाता है आज वह उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है। योगी सरकार ने अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता को बढ़ाया है और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से सुदृढ़ करने के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं, जैसे कि अस्पतालों में ई-हेल्थ कार्ड और टेलीमेडिसिन सेवाओं की शुरुआत, ताकि लोगों को समय रहते चिकित्सकीय सलाह मिल सके। इसी के तहत सीएम योगी के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में होने वाला यह सम्मेलन आपातकालीन चिकित्सा, ट्रॉमा और आपदा प्रतिक्रिया के मुद्दों पर केंद्रित होगा।

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