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मुंह के कैंसर से भारत में हर साल होती हैं एक लाख मौतें, कारण हैं तंबाकू, गुटखा और शराब

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने लगाया ओरल कैंसर स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविर

सेहत टाइम्स

लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन दिवस समारोह की शुरुआत के उपलक्ष्य में, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) के दंत विभाग ने ओरल कैंसर स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस मौके पर दंत विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शैली महाजन ने बताया कि भारत में ओरल कैंसर से हर साल करीब एक लाख मौतें होती हैं और इसका मुख्य कारण तंबाकू, गुटखा और शराब का सेवन है।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पद्मनिधि अग्रवाल ने तंबाकू छोड़ने के महत्व पर जोर दिया और ओरल प्री-कैंसर और कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानकारी दी। डॉ. अखिलेश पांडेय, असिस्टेंट प्रोफेसर, ने ओरल कैंसर के विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

प्रो. (डॉ.) रश्मि सिंह (सामुदायिक चिकित्सा) और डॉ. पद्मजा रानी (अर्बन पीएचसी उजरियांव) ने उपस्थित लोगों को लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के दंत विभाग में नियमित जांच करवाने की महत्ता के बारे में जागरूक किया, ताकि संदेहास्पद घावों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाया जा सके।

शिविर में अनेक रोगियों ने भाग लिया और उनकी ओरल प्री-मैलिग्नेंट और मैलिग्नेंट परिवर्तनों की जांच की गई। साथ ही, जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से उदाहरणात्मक सामग्री भी वितरित की गई। इस शिविर की सफलता में फैकल्टी, रेजिडेंट्स और इंटर्न्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिनमें डॉ. मिली, डॉ. सारा (SR), डॉ. ऋषभ (दंत विभाग), डॉ. कौशल चौधरी, डॉ. मनकेश मीना, डॉ. मोहम्मद वसीम और सपना शामिल थे।

यह पहल ओरल कैंसर की रोकथाम, समय पर पहचान और उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अत्यंत प्रभावी रही और RMLIMS की सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः सशक्त किया।

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