-मां सरस्वती और भगवान धन्वन्तरि की मूर्तियों वाले मां शारदालय का लोकार्पण
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा एवं ज्ञान के संस्थान केजीएमयू में मां सरस्वती व आरोग्य देव धनवंतरि के मंदिर, शारदालय की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि यह केवल धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि जल पर्यावरण से भी जुड़ा है। मंदिर निर्माण कराने से मूर्ति विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर प्रांगण में ही रुद्राक्ष के दो पेड़ लगाये। इस अवसर पर कर्नाटक धर्म क्षेत्र से आये पद्मश्री डॉ.वीरेन्द्र हेगड़े, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
मंदिर लोकार्पण के पश्चात कन्वेंशन सेंटर में संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री योगी ने संबोधित करते हुये निर्मल गंगा योजना की चर्चा करते हुये बताया कि कानपुर में चमड़ा फैक्ट्रीयों की वजह से गंगा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, योजना के तहत फैक्ट्रियों से निकालने वाले 14 करोड़ लीटर गंदे पानी को गंगा में जाने से रोकते हुये, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधित पानी को खेतों के लिये उपलब्ध करा दिया है। लिहाजा, आज गंगा आचमन ही नहीं स्नान करने वाली निर्मल गंगा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बचाव दल एनडीआरएफ के लोगों ने बताया कि गंगा निर्मल होने की वजह से उन्हें त्वचा रोग से छुटकारा मिल चुका है।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नाटक में श्री क्षेत्र धर्मस्थल के धर्माधिकारी, पद्म विभूषण डॉ.वीरेन्द्र हेगड़े ने केजीएमयू में मूर्ति स्थापना को ज्ञान व आरोग्य वृद्धि की ओर अच्छी पहल बताते हुये आधुनिक चिकित्सा पद्धति के संस्थान में भारतीयता के समावेश की संज्ञा दी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मॉ शारदालय, यहां के अध्ययनरत छात्रों को सदैव उत्कृष्ट शिक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा, उन्होंने कहा कि भौतिक सुरक्षा ही पर्याप्त नहीं बल्कि स्वास्थ्य, उच्च विचारधारा एवं अहंकार रहित जीवन शैली हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
कुलपति प्रो.एमएलबी भटट़् ने मॉ शारदालय की स्थापना के सहयोगी डॉ.सौरभ गर्ग व राजेन्द्र कुमार अग्रवाल को मुख्य अतिथियों के हाथों सम्मानित कराया। प्रतिकुलपति प्रो.जीपी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया, वहीं ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर एलुमनाई एसोसिएशन के प्रो दिवाकर दलेला के साथ ही प्रो विनोद जैन, प्रो आरके गर्ग सहित अनेक फैकल्टी भी उपस्थित थे।