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टीबी मिटाओ प्रशिक्षण : निजी मेडिकल कॉलेजों का सम्पन्न, अब सरकारी कॉलेजों की बारी

-प्रशिक्षित हुए 62 चिकित्सकों से अब प्रशिक्षक की भूमिका निभाने की अपेक्षा

-केजीएमयू ने उठाया है तीन-तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन का जिम्मा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कलाम सेंटर में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत चल रहे तीन दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया। कार्यक्रम में प्रदेश के 31 प्राइवेट मेडिकल कालेजों के 62 चिकित्सकों को तीन दिन के दौरान टीबी की स्क्रीनिंग, शीघ्र जांच, उपचार, नए शोध से लेकर निक्षय पोर्टल पर नोटिफिकेशन से जुड़ी हर बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही उनसे अपेक्षा की गयी कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सीखी गयी हर जानकारी को अब वह अपने-अपने जिलों में चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से साझा करेंगे और उन्हें प्रशिक्षित करेंगे।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए उत्तर भारत के नौ राज्यों की टीबी उन्मूलन टास्क फोर्स के चेयरमैन व आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने कहा कि प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने को अब प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज कमर कसकर तैयार हैं। टीबी की स्क्रीनिंग, शीघ्र जांच और सुगम इलाज मुहैया कराने में प्रदेश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कालेज के चिकित्सक के साथ ही प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं। प्राइवेट मेडिकल कालेजो के 62 चिकित्सकों को प्रशिक्षक के रूप में तैयार किया गया है और प्रदेश के 36 सरकारी मेडिकल कालेजों के चिकित्सकों को अब 28 फरवरी से तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। हमारा पूरा फोकस अब टीबी की स्क्रीनिंग और शीघ्र जांच के दायरे को बढ़ाते हुए इलाज को अब और सरल व सुगम बनाना है। इसके लिए नए-नए शोध भी किये जा रहे हैं और लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इसमें केजीएमयू अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

बाल व नाखून के अलावा किसी भी अंग में हो सकती है टीबी

प्रशिक्षण के अंतिम दिन एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी यानि दिमाग व बोन की टीबी, पेट-आंत, जननांगों की टीबी व शरीर के अन्य अंगों की टीबी के बारे में विस्तार से बताया गया क्योंकि टीबी बाल और नाख़ून को छोड़कर किसी भी अंग में हो सकती है। इस मौके पर संयुक्त निदेशक/राज्य क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले सभी चिकित्सकों को अपने-अपने जिलों के साथ ही निकट के जनपदों के निजी एवं सरकारी क्षेत्र के चिकित्सकों को ट्रेनिंग प्रदान करने की अपेक्षा की। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में आगरा मेडिकल कालेज के डा. गजेन्द्र विक्रम सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे समस्त प्रशिक्षकों एवं चिकित्सकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कियाI

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