-प्रदेश के सभी जनपदों में निकाली गयी रैली, लखनऊ में नगर निगम से निकाली गयी रैली
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज 11 जुलाई को प्रदेश के समस्त जनपदों में वाहन रैली निकालकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जनपद-लखनऊ में वाहन रैली नगर निगम से जवाहर भवन, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी, सचिवालय होते हुए वापस नगर निगम पर समाप्त हुई।
यह जानकारी देते हुए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वी.पी. मिश्र एवं महासचिव शशि कुमार मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार की मांगों पर उपेक्षा पूर्ण नीति के तहत प्रदेश के लाखों कर्मचारी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि भीषण महंगाई के कारण नौकरी पेशा कर्मचारी परिवार भुखमरी के कगार पर हैं। कर्मचारियों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं विभागीय संगठनों की मांगों पर वार्ता नहीं कर रहे। स्थानांतरण नीति में बदलाव करके संगठनों के अस्तित्व को समाप्त करने के उद्देश्य से स्थानांतरण नीति में परिवर्तन कर कई विभागों के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री एवं जनपद अध्यक्ष/मंत्री के स्थानांतरण कर दिए गए हैं।
श्री मिश्र ने बताया कि सरकार की कर्मचारियों के प्रति उपेक्षा पूर्ण नीति के कारण आंदोलन करने को बाध्य होना पड. रहा है।मोर्चा ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि मोर्चा की मांगों पर बैठक करके 15 दिन के अंदर निर्णय न किया गया तो मोर्चा को कड़े आंदोलन की घोषणा करने को बाध्य होना पड़ेगा जिसका उत्तरदायित्व प्रदेश सरकार का होगा।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने कर्मचारी संगठनों एवं जनपद अध्यक्ष/मंत्री को रैली की सफलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। आज की रैली में मुख्य रूप से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश, उ0प्र0 स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन आफ फार्मासिस्ट, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ, फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट, लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद, केजीएमयू कर्मचारी परिषद, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, उ0प्र0 राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, रोडवेज कर्मचारी परिषद, उ0प्र0 आदि संगठनों ने भागीदारी की।
मोर्चा की प्रमुख मांगें-
- पुरानी पेंशन बहाली की जाए ।
- वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू किया जाए।
- नगर विकास भत्ता, सीसीए एवं रोके गए भत्ते बहाल किए जाएं।
- स्थानीय निकायों, राज्य निगमों की मांगों पर तत्काल निर्णय किया जाए।
- विभागों में सातवें वेतन आयोग के अनुरूप संवर्गों का पुनर्गठन एवं लंबित सेवा नियमावलियों पर तत्काल निर्णय किया जाए।
- तदर्थ माध्यमिक शिक्षकों को नियमित किया जाए।
- राजकीय शिक्षकों को एसीपी का लाभ दिया जाए।
- संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को विनियमितीकरण एवं न्यूनतम वेतन दिया जाए।
- स्थानांतरण नीति 2023-24 के प्रस्तर-12 में पूर्व की व्यवस्था बहाल की जाए।