-3 सूत्रीय मांगों को लेकर संस्थान के प्रशासनिक भवन पर धरना दे रहा है कर्मचारी महासंघ
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई में संजय कर्मचारी महासंघ का अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज 13 जून से प्रारंभ हो गया। ज्ञात हो कैडर रेस्ट्रॅक्चरिंग की मांग को लेकर एसजीपीजीआई की नर्सिंग एसोसिएशन ने भी आगामी 20 जून से आंदोलन का ऐलान किया है। कर्मचारी महासंघ द्वारा आज अपनी मांगों को लेकर निदेशक को एक गुलाब का फूल भेंट किया गया और जब तक धरना चलेगा तब तक निदेशक को प्रतिदिन एक गुलाब का फूल देकर मांगों को पूरा करने के लिए याद दिलाया जायेगा।
अपने अनेक साथियों के साथ धरने पर बैठे महासंघ के महा मंत्री धर्मेश कुमार ने कहा कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार हम लोगों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर संस्थान के प्रशासनिक भवन पर अपना अनिश्चितकालीन धरना आज से प्रारंभ कर दिया है उन्होंने बताया कि हमारी तीन प्रमुख मांगों में संवर्ग पुनर संरचना वर्दी भत्ता हॉस्पिटल पेशेंट केयर भत्ता और विभागीय भत्ता के साथ-साथ संस्थान में रिक्त लगभग 12 पदों पर नियमित सीधी भर्ती की मांग शामिल है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी महासंघ पिछले दो-तीन सालों से लगातार संस्थान प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के साथ पत्राचार और वार्ता करता आ रहा है। उपरोक्त मांगों को पूरा किए जाने को लेकर कर्मचारी महासंघ द्वारा राज्यपाल मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी अवगत कराया जा चुका है। मांगों को लेकर संस्थान प्रशासन द्वारा बार बार यह कहा जा रहा है कि उपरोक्त मांगों का प्रकरण उत्तर प्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रक्रियाधीन हैं विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि हर बार सिर्फ आश्वासन देकर मामले को टालने की कोशिश होती रही है उन्होंने कहा कि कर्मचारी अब इन मांगों को लेकर और ज्यादा सहने की स्थिति में नहीं है। धरने में शामिल कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की।
धरने में संस्थान के समस्त संवर्गों के सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया और अपना सहयोग प्रदान किया। धरने पर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव, महामंत्री धर्मेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनीता सिंह, भगवती प्रसाद, वीरू यादव, एन पी श्रीवास्तव, चंद्रप्रभा, राजकुमार भट्ट, कृष्णपाल, रामलखन, मेडीटेक एसोसिएशन के डी के सिंह, सरोज वर्मा, महिपाल सिंह, पंकज दीक्षित आदि कर्मचारी नेता मौजूद थे।