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चिकित्‍सकों ने बताया कि दर्द कैसे होता है, इससे कैसे निपटें

-आईएमए के तत्‍वावधान में आयोजित सीएमई में लगा चिकित्‍सकों का जमावड़ा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। पेन मैनेजमेंट पर शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्‍वावधान में एक सतत् चिकित्‍सा शिक्षा सीएमई IMPACT (Indian Medical Association initiative to improvise physicians access to continuous medical education at primary health care level) का आयोजन किया गया। सीएमई का विषय पेन मैनेजमेंट था। चर्चा में बताया गया कि पेन किस तरह से शरीर में पैदा होता है, तथा कितने प्रकार का होता है, अलग-अलग प्रकार के पेन के निवारण के लिए डॉक्‍टर कौन से कदम उठाये जिससे मरीज को आराम मिले।  

सीएमई में जिन स्‍पीकर्स ने हिस्‍सा लिया, उनमें डॉ नीरज भसीन, डॉ अमितेष पाठक और डॉ संजीव अवस्‍थी शामिल थे, जबकि आईएमए लखनऊ के मुख्‍य प्रवक्‍ता डॉ वीरेन्‍द्र यादव मॉडरेटर की भूमिका में रहे। कार्यक्रम के संचालन की जिम्‍मेदारी के साथ ही धन्‍यवाद ज्ञापित करने की जिम्‍मेदारी आईएमए लखनऊ के सचिव डॉ संजय सक्‍सेना ने संभाली। डॉ नीरज भसीन ने अपनी स्‍पीच में कहा कि पेन एक ऐसी चीज है जो हम खुद को और अपने परिजनों को इससे ग्रस्‍त देखते हैं तो हमें तकलीफ होती है। ऐसे में चिकित्‍सक की भूमिका यह है कि मरीज को पेन से रिलीफ दे। उन्‍होंने पेन की शुरुआत कैसे होती है, जब बढ़ता है तो शरीर में किस प्रकार के बदलाव होते हैं, इसकी जानकारी चित्र के साथ विस्‍तार से दी। इंटीग्रल हॉस्पिटल से जुड़े डॉ अमितेष पाठक ने बताया कि पेन मैनेजमेंट में कौन सी दवा ज्‍यादा सुरक्षित और प्रभावी है इसके साथ ही दवाओं के अलावा हम किस विधि से बिना ऑपरेशन दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं, उन्‍होंने नयी आयी दवाओं में नेफोपाम को सुरक्षित और प्रभावी बताया। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ संजीव अवस्‍थी ने 1969 से चली आ रही दवा आईबूप्रोफेन को अन्‍य दवाओं के मुकाबले सेफ बताया। उन्‍होंने दूसरी दवाओं से इसकी तुलना करते हुए विस्‍तार से बताया।

सीएमई के मॉडरेटर डॉ वीरेन्‍द्र यादव ने बताया कि आज की सीएमई में पेन मैनेजमेंट को लेकर वक्‍ताओं ने अनेक प्रकार की विस्‍तृत जानका‍रियां दीं और उपस्थित चिकित्‍सकों के प्रश्‍नों का उत्‍तर भी दिया। उन्‍होंने बताया कि दर्द की विभिन्‍न दवाओं को लेकर वक्‍ताओं ने विस्‍तार से अपनी बात रखी। उन्‍होंने बताया कि चर्चा के केंद्र में नयी दवाओं में नेफोपाम को सीवियर पेन में भी अधिक प्रभावी और सुरक्षित बताया गया। एक प्रश्‍न के उत्‍तर में डॉ यादव ने कहा कि कोई भी पेन की दवा बिना चिकित्‍सक की सलाह के नहीं लेनी चाहिये।

राणा प्रताप मार्ग स्थित एक निजी होटल में आयोजित इस सीएमई में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह और महा‍सचिव डॉ जयेश लेले ऑनलाइन जुड़े। इनके अलावा पूर्व चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य महानिदेशक डॉ डीएस नेगी, लोहिया अस्‍पताल के पूर्व निदेशक डॉ आरसी अग्रवाल, आईएमए की पूर्व अध्‍यक्ष डॉ रमा श्रीवास्‍तव, डॉ मनोज अस्‍थाना, डॉ मनोज गोविला, डॉ सरस्‍वती, डॉ अनिल श्रीवास्‍तव सहित अनेक चिकित्‍सक उपस्थित रहे।

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