छह माह में चिकित्सक बनाने वाले केन्द्र सरकार के बिल का विरोध
लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध जताया। इसी के तहत यहां लखनऊ में भी आईएमए भवन से परिवर्तन चौराहा तक साइकिल रैली निकाली गयी। रैली में डॉक्टरों ने छह माह में चिकित्सक बनाने वाले केन्द्र सरकार के बिल एनएमसी का विरोध किया।
आपको बता दें कि लोकसभा में पारित होने के बाद इस बिल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने विरोध जताया था और इस बिल को लागू न करने की अपील की थी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया की इस बिल के तहत केन्द्र सरकार की ओर से मेडिकल क्षेत्र में एमसीआई को खत्म कर एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल लाया जा रहा है।
लोकसभा में पारित होने के बाद इस बिल को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने विरोध जताया था और इस बिल को लागू न करने की अपील की थी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इस बिल के तहत केन्द्र सरकार की ओर से मेडिकल क्षेत्र में एमसीआई को खत्म कर एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल लाया जा रहा है।
इसके तहत ऐसे हाथों में चिकित्सा पहुंच जाएगी जो महज छ: माह का एक कोर्स करके मरीजों का उपचार करेंगे। अब यदि पांच वर्षीय एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला एमबीबीएस का छात्र एक योग्य अभ्यर्थी बनता है तथा कुशल प्रशिक्षण लेकर एक विशेषज्ञ चिकित्सक बनता है। उस विशेषज्ञ को भी एक इन्ट्रेंस एग्जाम की अनिवार्यता भी शुरू की जा रही है। जबकि विदेश से आने वाले चिकित्सकों को इस तरह की अनिवार्यता से बाहर किया गया है साथ ही नीट का कोटा भी खत्म किया जा रहा है। ऐसे में एनएमसी बिल पास होने के बाद आने वाले छात्रों की कार्यकुशलता पर तो संदेह होता ही है साथ ही उनमें वह दक्षता भी नहीं आ सकती है।