35 छात्रों को बीएससी नर्सिंग की उपाधि, एसजीपीजीआई का 23वां दीक्षांत समारोह संपन्न
लखनऊ। प्रधानमंत्री द्वारा प्रारम्भ आयुष्मान भारत योजना से आने वाले पांच वर्षो में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन आयेगा एवं प्रत्येक भारतीय को उच्चकोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। यह बात शनिवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के 23 वें दीक्षांत समारोह में मौजूद बतौर मुख्य अतिथि, नीति आयोग के सदस्य डॉ.विनोद के पॉल ने कही। इस अवसर पर उत्कृष्ट शोध करने पर पीडियाट्रिक गैस्ट्रों के एचओडी प्रो.एस के याचा को प्रो.एसआर नायक अवार्ड प्रदान किया गया।
एम्स नई दिल्ली के पूर्व एचओडी एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ.पॉल ने डिग्री प्राप्त छात्रों को शिक्षण चिकित्सा क्षेत्र में आने का आह्वान किया ताकि देश में उच्चकोटि के चिकित्सक तैयार किये जा सकें। समारोह में मौजूद विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष कुमार टंडन ने डिग्री धारकों से गांवों में जाकर चिकित्सकीय सेवाएं देने की अपील करते हुए चिकित्सा को मानव सेवा धर्म कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलाध्यक्ष एवं राज्यपाल राम नाईक ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए चिकित्सकीय सेवा की महत्ता बताई और उत्तीर्ण 162 छात्रों को विभिन्न उपाधियां प्रदान कीं।
समारोह में 37 छात्रों को डीएम, 16 छात्रों को एमसीएच, चार छात्रों को पीएचडी, 19 छात्रों को एमडी, सात छात्रों को एमएचए, 44 छात्रों को पीडीसीसी, 35 छात्रों को बीएससी नर्सिग की डिग्री दी गयी। इनमें से 57.4फीसदी छात्र है और 42.6 फीसदी छात्राएं है।। पीजीआई के निदेशक डॉ.राकेश कपूर ने, संस्थान की उपलब्धियों को बताते हुए भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत किया। समारोह में संस्थान के अध्यक्ष, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय की गैरमौजूदगी में अपर मुखय सचिव दीपक त्रिवेदी ने स्वागत भाषण किया। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ.रजनीश दुबे ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं, साथ ही डीन प्रो.राजन सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया।