Tuesday , April 23 2024

अनचाही बातों को दिल पर न लें, इन बातों का बोझ दिमाग में न रखें

आईएमए ने हाईपरटेंशन सो‍साइटी के साथ मिलकर मनाया जागरूकता कार्यक्रम

महापौर ने जागरूकता कार्यक्रम के अभियान को सराहा, सहयोग का किया वादा

लखनऊ। हाईपरटेंशन यानी हाई ब्‍लड प्रेशर से बचने के लिए अपना दिल और दिमाग ठंडा रखें यानी तनाव न रखें, लोगों की आपसे कही गयी अनचाही बातों को न तो दिल पर लें और न ही दिमाग में बोझ रखें। अलग से नमक न खायें, आधा घंटा व्‍यायाम करें। यह सलाह आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्‍पेशियलिस्‍ट्स यूपी के प्रेसीडेंट डॉ सूर्यकांत ने दी है। डॉ सूर्यकांत मंगलवार को ‘May Measurement Month’ (एमएमएम) कार्यक्रम में विशिष्‍ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।

 

आईएमए लखनऊ, इडियन सोसाइटी ऑफ हाईपरटेंशन और आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्‍पेशियलिस्‍ट्स यूपी के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम और सतत चिकित्‍सा शिक्षा सीएमई का आयोजन आईएमए भवन में किया गया।

डॉ सूर्यकांत ने बताया कि हाई ब्‍लड प्रेशर यानी हाईपरटेंशन की बीमारी लोगों के बीच बहुत तेजी से बढ़ रही है, इसीलिए मई माह को हाईपरटेंशन बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

 

उन्‍होंने बताया कि एक तिहाई लोगों को मालूम ही नहीं है कि उन्‍हें हाईपरटेंशन की शिकायत है, क्‍योंकि इसकी शुरुआत कब हो जाती है यह लोगों को पता ही नहीं चलता, और धीरे-धीरे यह हमारे अंगों को नुकसान पहुंचाती रहती है। उन्‍होंने बताया कि इसके चलते हार्ट अटैक, स्‍ट्रोक, फालिज मारना, आंख की रोशनी जाना जैसी बड़ी बीमारियों की आशंका रहती है। इसलिए ऐसे बड़े खतरों से बचने के लिए आवश्‍यक यह है कि स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति भी 30 वर्ष की आयु के पश्‍चात साल में कम से कम एक बार ब्‍लड प्रेशर नपवाये।

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कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि लखनऊ की महापौर संयुक्‍ता भाटिया ने अपने सम्‍बोधन में कहा कि हाई ब्‍लड प्रेशर के प्रति लोगों में जागरूकता बहुत आवश्‍यक है ताकि इससे होने वाली बीमारियों से वे बचे रहें। उन्‍हाने कहा कि लखनऊ के पूरे 110 वार्डों में 50 लाख जनसंख्‍या के बीच ब्‍लड प्रेशर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पार्षदों के माध्‍यमों से अधिकृत किया जायेगा।

 

इस मौके पर प्रो.नरसिंह वर्मा ने हाइपरटेंशन जैसी बीमारी के बारे में कार्यक्रम में मौजूद लोगों को विस्तार से बताया कि कैसे इस बीमारी से बचे और इलाज के नाम पर क्या करें। इस कार्यक्रम में डॉ. एच.एस.पाहवा भी मौजूद रहे।