-फॉग्सी की अध्यक्ष डॉ नंदिता पल्शेटकर की किशोरों से अपील
-जनसंख्या विस्फोट से बचाने के लिए फॉग्सी चला रही मुहीम
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (फॉग्सी) की अध्यक्ष डॉ नंदिता पल्शेटकर ने कहा है कि फॉग्सी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाने में लगी है।
यहां 29 जनवरी से 2 फरवरी तक हो रही ऑल इंडिया कॉग्रेस ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी की 63वीं कॉन्फ्रेंस AICOG-2020 में हिस्सा लेने आयी मुम्बई की डॉ पल्शेटकर ने बताया कि फॉग्सी ने मातृत्व मृत्यु दर कम करने के लिए मान्यता प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसमें डिलीवरी में दिक्कतें न हों इसके लिए प्रसव की सुविधा वाले निजी अस्पताल ऐच्छिक रूप से खुद अपने अस्पताल को अपग्रेड कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें उत्तर प्रदेश से हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। यहां के 171 नर्सिंग होम को अपग्रेड होने की मान्यता मिल गयी है जबकि 63 नर्सिंग होम ने आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि देश में 40 हजार नर्सिंग होम हैं जहां प्रसव होता है, चूंकि हमने जल्दी ही यह कार्य शुरू किया है इसलिए अभी सिर्फ 2 प्रतिशत यानी 800 नर्सिंग होम तक ही पहुंच पाये हैं। अभी बहुत काम करना बाकी है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त महिलाओं में होने वाले कैंसर में दो लाख की चेकिंग, फैमिली प्लानिंग, मीनोपॉज, डिलीवरी के समय की दिक्कतें, एनिमिया, किशोरावस्था के समय की प्रॉब्लम जैसे कई प्रोजेक्ट पर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में जनसंख्या विस्फोट के डर की जो बात कही थी, यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व के किशोरों (13 से 19 साल) की आबादी का 25 प्रतिशत अपने भारत देश में हैं, ऐसे में आने वाले वर्षों में ये किशोर जब शादी करेंगे, बच्चा पैदा करेंगे तो जनसंख्या नियंत्रण करना मुश्किल हो जायेगा, ऐसे में फॉग्सी के माध्यम से हम उन्हें फैमिली प्लानिंग के बारे में समझाने का कार्य रहे हैं कि शादी थोड़ा लेट करो, बच्चा जल्दी पैदा मत करो। डॉ पल्शेटकर ने कहा कि इस तरह के अनेक सामाजिक लाभ वाले कार्य फॉग्सी कर रही है।